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पुणे में पवार पावर: शरद पवार और अजित की सभा, भतीजे ने फिर साधा निशाना, चाचा ने किया नजरअंदाज
- पार्टी और चिह्न के फैसले के बाद पुणे में पवार परिवार आमने-सामने
- चुनाव चिन्ह सीमित उपयोग के लिए
- बहकावे में न आएं कार्यकर्ता: अजित पवार
डिजिटल डेस्क, पुणे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकापा) और उसके चुनाव चिन्ह को लेकर निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद रविवार को पहला मौका था, जब चाचा-भतीजा (शरद पवार और अजित पवार) अपने गढ़ पुणे में आमने-सामने थे। राकांपा के दोनों गुटों ने कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया था। इस दौरान शरद पवार ने अजित की उस टिप्पणी का दो टूक जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था, आखिरी चुनाव कहकर भावनात्मक अपील करनेवालों के बहकावे में न आएं। वहीं अजित पवार ने भी अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए फिर से शरद पवार पर निशाना साधा।
चुनाव चिन्ह सीमित उपयोग के लिए
पत्रकारों से बातचीत में राकांपा (शरद चंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि मैंने पहला चुनाव बैलों की जोड़ी के चुनाव चिन्ह पर लड़ा, फिर हमारा निशान चला गया। हम चरखे पर लड़े, फिर हमारा निशान चला गया, हम पंजे पर लड़े। उसके जाने के बाद, हमने घड़ी के चिन्ह पर चुनाव लड़ा। यह चुनाव चिन्ह सीमित काम के लिए उपयोगी होते हैं, लेकिन चुनाव आयोग के नतीजे चौंकाने वाले हैं। उन्होंने हमारी पार्टी का चुनाव चिन्ह ही नहीं छीना बल्कि हमारी पार्टी किसी और को दे दी।
मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा
एक सवाल के जवाब में शरद पवार ने कहा, मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा, इसलिए भावनात्मक अपील करने की जरूरत नहीं है। बारामती के लोग चतुर हैं, वे जानते हैं कि उनकी प्रतिष्ठा किसने बढ़ाई है, इसलिए वे सही निर्णय लेंगे।
पीएम मोदी के बयान का विरोध
शरद पवार ने कहा, सत्तारूढ़ दल की नीतियां सामाजिक एकता के लिए हानिकारक हैं। जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने हमला बोला था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जिस परिवार के सदस्यों ने 13 साल जेल में बिताए। उन पर व्यक्तिगत हमले करना बुद्धिमानी नहीं है।
ईडी के जरिए विपक्ष पर निशाना
कुछ साल पहले ईडी शब्द को लोग नहीं जानते थे, लेकिन अब यह पूरी दुनिया में जाना जाता है। 2005 से 2023 तक ईडी ने छह हजार मामले दर्ज किए। जिसमें से सिर्फ 25 मामले ही सही निकले और उसमें सिर्फ 2 लोगों को ही सजा हुई। अब तक 147 नेताओं से पूछताछ हो चुकी है, जिनमें से 85 फीसदी विपक्षी दलों से थे। भाजपा के सत्ता में आने के बाद ईडी के हथियार का इस्तेमाल किया गया।
बहकावे में न आएं कार्यकर्ता: अजित पवार
बालेवाड़ी स्टेडियम में राष्ट्रवादी युवा सभा में अजित पवार ने बिना नाम लिए एक बार फिर शरद पवार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, पहले कभी किसी कार्यकर्ता को पूछा तक नहीं जाता था अब सभी को फोन किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री ने अपने युवा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे किसी बहकावे में न आएं। अजित आगे कहा कि हमारी पार्टी में कई लोगों को समस्या थी, लेकिन हमारे वरिष्ठों को समझ नहीं आई, इसलिए हमें यह निर्णय लेना पड़ा। अब हमें विकास पर ध्यान केंद्रित करना है।
मुख्यमंत्री पद के लिए कार्यकर्ताओं रखें सब्र
राकांपा कार्यकर्ता अजित पवार को अपने बैनर पोस्टर में मुख्यमंत्री के रूप में पेश करते हैं। इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कार्यकर्ताओं के कान खींचे और उन्हें सब्र रखने की सलाह दी। उन्होंन कहा ऐसे ही मुख्यमंत्री मत बनाओ, पहले संगठन बनाओ और उसे मजबूत करो। पवार ने कहा, राकांपा का मुख्यमंत्री 2004 में ही बन जाता, मगर हम जानते हैं कि उस समय क्या हुआ था। आज पार्टी में काफी लोग जुड़ रहे हैं, उन्हें विश्वास दिलाना होगा। आपका जो विचार होगा, जो भी मसले होंगे, उसका समाधान किया जाएगा। हमने यह नई भूमिका इसलिए स्वीकार की है ताकि उनकी पार्टी को कोई नुकसान न हो और वह अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद पर बिठाना चाहते हैं क्योंकि उनके पास एक विजन है।
Created On :   11 Feb 2024 3:07 PM GMT