Pune News: मुंबई सीबीआई के नाम पर पुणे एसआरपीएफ कॉन्स्टेबल ने 12 लाख की मांगी रिश्वत - गिरफ्तार

मुंबई सीबीआई के नाम पर पुणे एसआरपीएफ कॉन्स्टेबल ने 12 लाख की मांगी रिश्वत - गिरफ्तार
  • साजिश में अधिकारी के शामिल होने की आशंका
  • कॉन्स्टेबल ने 12 लाख की मांगी रिश्वत
  • सीबीआई का फर्जी पहचान पत्र भी दिखाया

Pune News : बावधन क्षेत्र में पुलिस कर्मी द्वारा ही व्यापारियों से धोखाधड़ी करने मामला सामने आया है। पुणे एसआरपीएफ के एक कॉन्स्टेबल ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर एक कंपनी के मालिक से 12 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। हालांकि कंपनी मालिक की सतर्कता और सूझबूझ ने आरोपी को बेनकाब कर दिया। पुलिस ने आरोपी विनोद अण्णप्पा थोरवत को गिरफ्तार कर लिया है। यह कोल्हापुर जिले के गिजवणे का निवासी है। कॉन्स्टेबल इससे पहले मुंबई सीबीआई में काम कर चुका है। इसका फायदा उठाकर आरोपी ने प्राइवेट कंपनी को कार्रवाई की धमकी देकर पैसे वसूल करने की कोशिश कर रहा था। साथ ही मुंबई सीबीआई ऑफिस में किसी सावंत नामक अधिकारी व कर्मचारी से लगातार फोन पर बात कर रहा था। पुलिस जांच कर रही है कि मुंबई सीबीआई में सांवत नामक शख्स कौन है, जो सीबीआई के नाम का उपयोग कर पैसे वसूल करने का काम कर रहा है। इस घटना की जानकारी मुंबई सीबीआई और पुणे एसआरपीएफ को दी गई है। इस मामले में विभागीय जांच जारी है।

कंपनी के फाइल में गड़बड़ी की दी धमकी

यह घटना 22 अक्टूबर 2024 को घटित हुई जब कंपनी के मालिक सुहास अशोकराव वानखड़े पुणे के बावधन स्थित अपने कार्यालय पहुंचे। गाड़ी पार्क करते समय एक अज्ञात व्यक्ति ने उनके पास आकर उनकी पहचान की पुष्टि की। इसके बाद उस व्यक्ति ने खुद को मुंबई सीबीआई का अधिकारी सावंत बताकर वानखडे से बातचीत शुरू की। उसने सुहास को धमकी दी कि उनकी कंपनी के खिलाफ सीबीआई में एक फाइल लंबित है, जिसमें गड़बड़ियां पाई गई हैं। इस फाइल की जांच बंद कराने के लिए आरोपी ने 15 लाख रुपये की मांग रखी।

सीबीआई का फर्जी पहचान पत्र भी दिखाया

इस अप्रत्याशित धमकी से सुहास हतप्रभ रह गए और उन्होंने आरोपी से बात करने का प्रयास किया। आरोपी ने सीबीआई के किसी बड़े अधिकारी का नाम लेकर उन्हें और भी डरा दिया। इस प्रकार की बातों से सुहास और उनके साझेदारों किरण सुधाकर चौधरी और डॉ आलोक मदनमोहन मिश्रा को संदेह हुआ। उन्होंने आरोपी से बातचीत कर इस राशि को 12 लाख रुपये तक कम करवाया। इसके बावजूद सुहास को यह महसूस हुआ कि यह व्यक्ति नकली अधिकारी हो सकता है। इसलिए उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का निर्णय लिया। आरोपी ने अपनी पहचान को पुख्ता करने के लिए सीबीआई का एक फर्जी पहचान पत्र भी दिखाया, जिसमें सीबीआई का लोगो और उसकी फोटो लगी हुई थी। आरोपी ने बातचीत के दौरान वानखडे को धमकी दी कि यदि रिश्वत की रकम नहीं दी गई तो उसकी कंपनी के खिलाफ सख्त जांच शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद उसने 24 अक्टूबर 2024 को पुणे के सारसबाग में पैसे देने की योजना बनाई और सुहास को वहां मिलने को कहा गया।

पहले भी कई लोगों से ऐंठ चुका है पैसे

यहां से सुहास ने मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने योजना बनाई कि आरोपी को उनके कार्यालय में बुलाकर रंगे हाथों पकड़ा जाएगा। बावधन पुलिस स्टेशन ने इस योजना में पूरी मदद की और समय पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया। 24 अक्टूबर की शाम सुहास ने आरोपी को अपने ऑफिस में बुलाया। आरोपी ने जैसे ही कंपनी के परिसर में कदम रखा, सुहास ने पुलिस को इशारा किया और तुरंत ही उसे हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने मौके पर आरोपी के पास से सीबीआई का नकली पहचान पत्र, एक मोबाइल फोन, हेडफोन और अन्य संदेहास्पद सामान बरामद किए। इस सामान की जांच में सामने आया कि आरोपी का नाम विनोद अण्णप्पा थोरवत है, जो कोल्हापुर जिले के गिजवणे का निवासी है। थोरवत ने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि यह पहली बार नहीं था जब उसने ऐसा प्रयास किया है बल्कि वह इससे पहले भी इसी प्रकार से लोगों को धमका कर उनसे पैसा ऐंठ चुका है। हालांकि, उसने सीबीआई के किसी बड़े अधिकारी से अपने संबंधों को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

इन धाराओं में हुआ मामला दर्ज

पुलिस ने विनोद अण्णप्पा थोरवत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 204 (सबूत नष्ट करना), 308(3) (धोखाधड़ी का प्रयास), 336(3) (लापरवाही से खतरा पैदा करना), 338 (गंभीर चोट पहुंचाना), 340 (नकली दस्तावेज तैयार करना) और 3(5) (फर्जी पहचान पत्र बनाना) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने आरोपी के संपर्कों और पिछले आपराधिक रिकॉर्ड की भी जांच शुरू कर दी है, जिससे पता लगाया जा सके कि वह किसी बड़े अधिकारी या गिरोह के साथ मिलकर यह अपराध कर रहा था या नहीं। पुलिस को संदेह है कि इस पूरे गिरोह में और भी लोग शामिल हो सकते हैं जो सरकारी अधिकारियों के रूप में व्यापारियों को ठगने का कार्य कर रहे हैं।

Created On :   25 Oct 2024 3:04 PM GMT

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