Pune News: जीत को लेकर आश्वस्त नहीं अजित, बोले- किसी और क्षेत्र से खड़ा होता तो आसानी से जीत जाता

जीत को लेकर आश्वस्त नहीं अजित, बोले- किसी और क्षेत्र से खड़ा होता तो आसानी से जीत जाता
  • पवार का पोस्टर लगा भावुक किया जा रहा
  • गांव-गांव की छान रहे खाक

Pune News : लोकसभा चुनाव की ही तरह विधानसभा चुनाव में भी बारामती एक बार फिर सुर्खियों में है। पूरे राज्य की नजर इस सीट पर लगी हुई है। इस सीट पर मुकाबला अजित पवार एवं उनके भतीजे युगेंद्र पवार के बीच है। लोकसभा चुनाव में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को करारी शिकस्त दी थी। यानि एक प्रकार से शरद पवार अपने भतीजे अजित पवार पर भारी पड़े। विधानसभा चुनाव में अजित पवार और युगेंद्र पवार के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। सात विधानसभा चुनाव में आसानी से जीत दर्ज करनेवाले अजित पवार को अपनी जीत के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है, क्योंकि युगेंद्र के लिए दादा शरद पवार पूरो जोर लगाए हुए हैं। अजित को अपनी जीत की राह आसान नहीं दिख रही। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रचार के लिए गांव गांव की खाक छान रहे अजित पवार ने बारामती के एक गांव की सभा के दौरान कहा कि यदि बारामती छोड़ वह किसी अन्य क्षेत्र से चुनाव लड़ते तो वे आसानी से जीत जाते। यानि अपनी जीत को लेकर वे आश्वस्त नहीं है।

गांव-गांव की छान रहे खाक

आमतौर पर देखा गया है कि नामांकन भरने के बाद प्रचार के लिए अजित पवार आखिरी दिन क्षेत्र में सभा लेते थे, परंतु इस बार उन्हें गांव-गांव की खाक छाननी पड़ रही है। बारामती के गांव-गांव में दौरा, बैठकें करते नजर आ रहे हैं। एक सभा में अजित ने कहा कि इतने साल तक उन्होंने बारामती में काम किए, फिर भी उन्हें किसी चुनाव में इतनी मशक्कत करने की नौबत नहीं आई। अजित ने कहा कि पांच वर्षों में बारामती में सबसे ज्यादा काम हुआ। बावजूद इसके चुनाव में उन्हें काफी प्रयास करने पड़ रहे हैं। अगर उन्होंने यह काम किसी दूसरे तहसील में किया होता तो उस तहसील में उन्हें प्रचार के लिए नहीं जाना पड़ता। वहां के लोग उन्हें आसानी से चुन लेते। अब अपने ही घर में उन्हें दिक्कत महसूस हो रही है।

प्रचार के दौरान शरद पवार की पार्टी की ओर से लगाए गए बैनर की ओर इशारा करते हुए अजित पवार ने कहा कि बड़े बैनर पर शरद पवार की फोटो लगाई गई है। शरद पवार चुनाव में नहीं खड़े हैं? चुनाव में युगेंद्र पवार खड़े हैं। ऐसे में उनका फोटो लगना चाहिए। उनके नाम पर वोट मांगें। बड़े साहेब (शरद पवार) को देखते हुए बारामती ने इतने सालों से वोट दिया है। 1967 से अब तक कितने वर्ष बीत गए? करीब 57 साल से आप पवार साहब को देखकर वोट करते आ रहे हैं। अब सिर्फ सहानुभूमि बटोरने का काम किया जा रहा है। प्रचार के दौरान बारामती के लोगों से अजित ने कहा कि लोकसभा चुनाव में आपने मेरी किरकिरी की, अब विधानसभा चुनाव में तो मेरी इज्जत रख लो। नहीं तो आपका मजाक उड़ेगा। अजित ने लोगों से भावुक अपील की कि मैं झूठ नहीं बोल रहा हूं। आपको समझ नहीं आ रहा, अगर आप भावुक हुए, तो बारामतीकरों को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। आनेवाले समय में बारामती का कोई रखवाला नहीं होगा। अजित ने कहा कि पवार साहब ( शरद ) ने कहा है कि डेढ़ साल बाद वह कोई चुनाव नहीं लडेंगे। उनके बाद कौन बारामती को देखेगा। इसपर आप ध्यान दो। कौन काम करेगा, यह सोचो।



Created On :   17 Nov 2024 7:13 PM IST

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