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पुलिस का छापा: 50 लाख रुपए लेकर ब्लड सैंपल बदलने का हुआ था सौदा! बिचौलिए की गिरफ्तारी होगी जल्द
- डॉ. तावरे के सरकारी मकान पर पुलिस का छापा
- कैबिन किया सील
- अग्रवाल के बंगले से मिला ड्राइवर का मोबाइल
- एआई की मदद लेगा विभाग, जर्मनी से भी आ रही टीम
डिजिटल डेस्क, पुणे। कल्याणीनगर कार हादसे को लेकर पुलिस उस बिचौलिए तक पहुंच गई है, जिसने डॉ. अजय तावरे और बिल्डर विशाल अग्रवाल की बात कराई थी हालांकि पुलिस ने उसके नाम का खुलासा नहीं किया है। माना जा रहा है जल्द ही उसकी गिरफ्तारी भी कर ली जाएगी। बात यह भी आ रही है कि डॉ. तावरे ने ब्लड सैंपल बदलने के लिए विशाल से 50 लाख रु. में सौदा किया था। पुलिस ने बुधवार को पैसों की तलाश में ही आरोपी तावरे के सरकारी बंगले और ऑफिस पर छापा मारा। हालांकि यहां से राशि तो बरामद नहीं हुई लेकिन पुलिस को दो से तीन अन्य प्रापर्टियों की जरूर जानकारी मिली है। पुलिस ने विशाल अग्रवाल के बंगले पर भी तलाशी ली जहां से ड्राइवर गंगाराम का मोबाइल मिला है। विशाल की पत्नी के भी गायब होने की बात सामने आई है।
पुलिस ने ससून अस्पताल पहुंचकर वार्ड 40 का पंचनामा बनाया। इस वार्ड में ही सैंपल बदले जाने को लेकर योजना बनाने की बात सामने आई थी और यही सैंपल बदले भी गए थे। पुलिस ने तावरे के कैबिन की भी जांच की हालांकि यहां से कोई खास जानकारी उसे नहीं मिली। अब तावरे की अन्य संपत्तियों को भी देखा जाएगा ताकि सौदे में मिले पैसों को जब्त किया जा सके या अन्य कुछ सबूत भी मिल सके। येरवडा पुलिस स्टेशन में खड़ी पोर्शे कार को भी ढांककर रख दिया गया है ताकि बारिश के दौरान सबूत न मिटे। उधर, गिरफ्तार पब मालिकों-कर्मचारियों के साथ विशाल व सुरेंद्र अग्रवाल की बेल को लेकर भी न्यायालय में सुनवाई होना थी लेकिन तारीख आगे बढ़ गई। अगली तारीख 1 जून लगी है।
रिकॉर्डिंग जब्त की
विशाल अग्रवाल के बंगले पर पहुंची पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की पड़ताल भी की। उसने यहां से रिकॉर्डिंग जब्त की है। बंगले से ड्राइवर गंगाराम का मोबाइल भी मिला है। मोबाइल की भी जांच की जाना है ताकि यह पता चल सके कि घटना वाली रात से लेकर उसके अपहरण तक किस-किस के कॉल उसे आए थे। पुलिस ने बंगले में मौजूद अन्य कर्मचारियों के भी बयान लिए। इससे पहले यूनिफॉर्म पुलिस ने जब्त की थी जिसे फारेंसिक लैब में भेज दिया गया है। गंगाराम ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उसका अपहरण करके बंगले में दो दिनों तक कैद करके रखा गया। अपहरण के आरोप में विशाल और उसके पिता सुरेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है।
एआई की मदद लेगा विभाग, जर्मनी से भी आ रही टीम
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद भी पुलिस लेने जा रही है। पुलिस का कहना है कि वह पूरे घटनाक्रम को लेकर वीडियो बनाएगी। इसे कोर्ट में भी पेश किया जाएगा। एआई के लिए बेंगलुरु की किसी साफ्टवेयर कंपनी की मदद ली जा रही है। इसके अलावा कार के आगे व पीछे कैमरे लगे थे। इसकी जांच भी की जाएगी। जर्मनी से भी टीम आ रही है जो कार को लेकर पुलिस को जानकारी देंगी। टीम कार की तकनीकी स्थिति को भी देखेगी।
सरकारी खाने पर ही करना पड़ा संतोष
पुलिस की कस्टडी में विशाल और उसके पिता सुरेंद्र हैं। इन दोनों से ड्राइवर गंगाराम के अपहरण को लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने इन्हें खाना दिया तो सुरेंद्र ने तो खा लिया लेकिन विशाल ने मना कर दिया। जब भूख लगी तो सरकारी खाना ही उसे खाने के लिए मजबूर होना प़ड़ा।
Created On :   29 May 2024 8:01 PM IST