हाईकोर्ट: फायर ब्रिगेड कर्मियों की नियुक्ति मामले में अदालत ने उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग मापदंड को बताया अनुचित

फायर ब्रिगेड कर्मियों की नियुक्ति मामले में अदालत ने उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग मापदंड को बताया अनुचित
  • पुणे मनपा में महिला फायर ब्रिगेड कर्मियों की नियुक्ति का मामला
  • उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग मापदंड अनुचित - हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य की महानगर पालिकाओं और नगर पालिकाओं में दमकल कर्मियों के पद पर आवेदनकर्ता महिला उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग मापदंड रखना भेदभावपूर्ण और मनमानी नीति है। न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने पुणे में फायरमैन और अग्निशामक पदों के लिए आवेदनकर्ता चार महिलाओं द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि एक ही नौकरी के लिए अलग-अलग मापदंड नहीं हो सकते हैं। ऐसे मनमाने नियमों के कारण महिलाएं पीड़ित होती हैं। याचिकाकर्ताओं के वकील ए.एस. राव ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को सूचित किया गया था कि उन्होंने मापदंडों का पालन नहीं किया है, जिसके तहत महिला उम्मीदवारों की न्यूनतम ऊंचाई 162 सेंटीमीटर होनी चाहिए। वकील राव ने अदालत को बताया कि महाराष्ट्र फायर ब्रिगेड सेवा प्रशासन के अनुसार महिला उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 157 सेंटीमीटर है, लेकिन पुणे, मुंबई, ठाणे और नागपुर के नागरिक निकाय न्यूनतम ऊंचाई 162 सेंटीमीटर निर्धारित करते हैं। जबकि राज्य की अन्य नगर पालिकाएं 157 सेंटीमीटर मापदंड का पालन करती हैं।

यह भेदभाव का मामला

खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि यह स्पष्ट भेदभाव का मामला है। विभिन्न निगमों के लिए अलग-अलग मानक नहीं हो सकते। राज्य सरकार की किसी भी मनमानी नीति या ऐसे मापदंडों के कारण महिला उम्मीदवारों को नुकसान हो सकता है। अदालत ने अंतरिम आदेश के जरिए पुणे महानगर पालिका को याचिकाकर्ता महिलाओं को चयन प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति देने का निर्देश दिया है।


Created On :   2 Nov 2023 1:52 PM GMT

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