भिगवण: जलाशय में डूबे सभी 6 लोगों के शव मिले, मृतकों में एक ही परिवार के चार शामिल

जलाशय में डूबे सभी 6 लोगों के शव मिले, मृतकों में एक ही परिवार के चार शामिल
  • 36 घंटे से अधिक समय तक चला सर्च ऑपरेशन
  • मृतकों में एक ही परिवार के चार लोग शामिल
  • उजनी जलाशय में डूबे सभी 6 लोगों के शव मिले

डिजिटल डेस्क, भिगवण. उजनी जलाशय में मंगलवार को नाव पलटने से डूबे सभी 6 लोगों के शव ढूंढने में एनडीआरएफ की टीम को सफलता मिली है। इस दुर्घटना में करमाला तहसील के जाधव परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई है। इसमें पति-पत्नी समेत दो बच्चे शामिल हैं। इसके साथ ही एक युवक और नाव चालक भी मृतकों में शामिल है। उजनी जलाशय में 35 फीट गहराई में नााव मिली थी।

- मृतकों की सूची

मृतकों में गोकुल दत्तात्रय जाधव (30), कोमल गोकुल जाधव (25), शुभम गोकुल जाधव (3) माही गोकुल जाधव (सभी निवासी-झरे, तहसील करमाला, जिला सोलापुर), कुगांव के रहने वाले अनुराग अवघडे (25) और आदिनाथ चीनी मिल के पूर्व अध्यक्ष धनंजय डोंगरे का बेटा गौरव डोंगरे (16) शामिल हैं।

- तेज हवा से डूबी नाव

नाव डूबने के बाद 36 घंटे से अधिक समय तक चला सर्च ऑपरेशन सभी शव मिलने के बाद गुरुवार सुबह 10:25 बजे रोका दिया गया। मंगलवार शाम पांच से साढ़े पांच बजे के करीब कुगांव से इंदापुर तहसील के कलाशी की ओर नाव से यात्री ले जाने के दौरान तूफानी हवा के कारण बोट पानी में डूबी थी।

- कुगांव से कलाशी जा रही थी नाव

21 मई को डोंगरे व जाधव परिवार इंदापुर तहसील के अजोती में रिश्तेदारों के घर निजी कार्यक्रम के लिए जा रहे थे। सभी यात्री कुगांव से कलाशी की ओर जाने वाली बोट में सवार थे। बोट के पानी के बीच में आने के बाद हल्की बारिश और तेज हवा शुरु हुई। बोट में पानी घुसने से यह हादसा हुआ।

- पहले मिले पांच शव

घटना के बाद कुछ समय, उसके बाद बुधवार को पूरे दिन एनडीआरफ की टीम और स्थानीय नागरिकों ने लापता लोगों की तलाश की। शाम को तेज हवा और अंधेरा छाने के बाद सर्च अभियान रोका गया था। गुरुवार सुबह फिर से सर्च अभियान शुरु किया गया। पहले 6 में से पांच यात्रियों के शव पानी पर तैरते हुए नजर आए, इसमें दो पुरुष, एक महिला और दो बच्चे शामिल थे। उसके बाद एनडीआरएफ की टीम वहां पर पहुंची। उन्होंने शवों को बाहर निकाला। कुछ देर बाद छठा शव भी पानी पर तैरता हुआ नजर आया।

- लाइफ जैकेट होते तो बचती सभी की जान

उजनी जलाशय में किसी को भी बोटिंग या नौका विहार की अनुमति नहीं है। फिर भी पिछले कई वर्षों से यहां पर बोट के माध्यम से अवैध जल परिवहन जारी है। बोट में सवार किसी को भी सुरक्षा के साधन उपलब्ध नहीं कराए गए थे। अन्य स्थानों से कबाड़ से खरीदी गई बोटों का उपयोग किया जा रहा है। एक भी बोट में लाइफ जैकेट नहीं है। संबंधित यात्री बोट में अगर लाइफ जैकेट होते तो सभी लोगों की जान बच सकती थी।

शिल्पा ठोकडे, तहसीलदार, करमाला के मुताबिक उजनी जलाशय में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। अवैध जल परिवहन करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।



Created On :   23 May 2024 7:59 PM IST

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