पन्ना: वस्तुओं पर एमआरपी की छपाई में शासन का नियंत्रण हो: मुकेश विश्वकर्मा

वस्तुओं पर एमआरपी की छपाई में शासन का नियंत्रण हो: मुकेश विश्वकर्मा
  • जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार विश्वकर्मा ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा
  • वस्तुओं पर एमआरपी की छपाई में शासन का नियंत्रण हो: मुकेश विश्वकर्मा

डिजिटल डेस्क, पन्ना। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत शाखा पन्ना के जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार विश्वकर्मा ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत वर्ष १९७४ से कार्यरत देशव्यापारी संगठन है जो उपभोक्ताओं को ग्राहक जागरूकता, अधिकारों की शिक्षा एवं ग्राहकों की शिकायतों के लिए मार्गदर्शन करने वाला एक स्वयंसेवी संगठन है। गंभीर विचार विमर्श के बाद पैकेज्ड वस्तुओं पर एमआरपी की छपाई तय करने के लिए कानून और नियामक आदेश लाने के लिए केन्द्र सरकार से मांग करते हुए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने की योजना बना रहे हैं। आज निर्माता मनमाने ढंग से एमआरपी तय करते हैं। एमआरपी अपारदर्शी है और उपभोक्ता को एमआरपी की संरचना के बारे में कोई जानकारी नहीं हैं।

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हमें कई उदाहरण मिलते हैं जहां उपभोक्ता ऐसी कीमत चुकाता है जिसका उत्पाद की योग्यता से कोई संबध नहीं होता। उन्होंने कहा कि खासकर दवाईयों के मामले में उपभोक्ताओं को जबरदस्त लूटा जाता है। उपभोक्ता न तो चुनने के अपने अधिकार का प्रयोग कर सकता है और न ही लूट के बारे में जागरूक हो सकता है। एमआरपी की संरचना तैयार करने के साथ एमआरपी के साथ एफएसपी फस्र्ट सेल प्राईस भी छापने का आदेश सरकार दे सकती है। उपभोक्ता जब खरीददारी करता है तो वह तर्कसंगत विकल्प चुन सकता है यदि उसे एफएसपी के बारे में जानकारी हो। एफएसपी को लागू करने से निर्माताओं ओर आयातकों पर अत्याधिक लागत नहीं आती है एवं उपभोक्ता को वास्तविक लाभ होगा। एबीजीपी संघ ने इसे उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, वित्त मंत्रालय के अलावा संसद के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए एक मसौदा विधेयक तैयार करने के लिए संसद सदस्यों को भी एक पत्र लिखा है।

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Created On :   21 May 2024 5:00 AM GMT

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