Panna News: नगर के प्राचीन एवं सिद्ध स्थल हनुमान भाटा में पहुंच मार्ग का आभाव, चंदेल कालीन ढोलिया मढ खो रहा अपना अस्तित्व

नगर के प्राचीन एवं सिद्ध स्थल हनुमान भाटा में पहुंच मार्ग का आभाव, चंदेल कालीन ढोलिया मढ खो रहा अपना अस्तित्व
  • नगर के प्राचीन एवं सिद्ध स्थल हनुमान भाटा में पहुंच मार्ग का आभाव
  • चंदेल कालीन ढोलिया मढ खो रहा अपना अस्तित्व
  • पुरातत्व विभाग नहीं दे रहा ध्यान

Panna News: नगर के पश्चिम दिशा में पवई-मोहन्द्रा मार्ग पर दुर्गम पहाड़ी के ऊपर चंदेल कालीन सैकड़ों वर्ष पुराना खजुराहो जैसे मंदिरों की आकृति का ढोलिया मढ देखरेख के आभाव में अपना अस्तित्व खोकर खण्हर जैसी स्थिति में हो गया। कुछ साल पहले लोग मढ को देखने व ऊपर तक चढकर जंगल की खूबसूरती निहारा करते थे लेकिन अब ऐसा नही है जानकारी अनुसार ढोलिया मढ के ऊपर बीच में चारों तरफ भगवान की मूर्तियां लगी थी जो अज्ञात लोग निकाल कर ले गए। जिसका आज तक पता नहीं चला। दुर्गम पहाड़ी हनुमान भाटा में आदम कद संकट मोचन श्री हनुमान जी, भगवान महाकालेश्वर, भगवान नरसिंह एवं नवनिर्मित श्रीराधा कृष्ण जी का मंदिर शोभायमान है तथा विशाल श्रीराम जानकी मंदिर निर्माणाधीन जहां हजारों भक्त दूर-दूर से दर्शन करने आते है नूतन वर्ष में लाखों भक्त की भीड उमड़ती है। पहाड़ी के ऊपर जाने के लिए एक मात्र सहारा सीढिया हैं इसके अलावा पैदल या वाहन जाने के लिए कोई सुगम मार्ग नहंी हैं ऐसे भक्त जो भगवान के प्रति आस्था रखते है लेकिन पहाडी चढ नहीं सकते उन्हें पहुँचने में असुविधा ना हो इस हेतु पहुंच मार्ग के लिए काफी समय से मांग हो रही है।

पूर्व में पगडंडी मार्ग से मवेशी चराने जाते थे चरवाहे

जानकारी अनुसार सन 1980 के आसपास तक चरवाहे पहाड़ी पर मवेशियों को चराने जाया करते थे उस समय उबडखाड पगडंडी मार्ग हुआ करता था। धीरे-धीरे स्थान की महिमा और महत्व के बारे में लोगों को जानकरी लगी जिससे लोग पहुंचने लगे। वर्ष 1985 -90 के बीच सिंचाई विभाग में एसडीओ रहे बी.एल. शर्मा हनुमान जी के अनन्य भक्त रहे। उन्होंने बडी-बडी चट्टानो को मार्ग से हटवाकर पैदल चलने के लायक बनाया। इसके बाद वेयर हाउस में पदस्थ रहे दरयाव सिंह दांगी का लगाव हनुमान भाटे से बढा उन्होंने जन सहयोग से सीढियों का निर्माण कराने का संकल्प लिया जो करीब दो साल में पूरा हो गया। देखते ही देखते हनुमान भाटा में मंगलवार एवं शनिवार को सैकड़ों-हजारों दर्शनार्थी पहुंचने लगे। तत्कालीन पवई विधायक एवं गृहमंत्री कैप्टन जयपाल सिंह द्वारा लोगों की आस्था को गंभीरता से लेते हुए पहाड़ी पर पानी और प्रकाश की व्यवस्था कराई गई। पहुंच मार्ग बनवाए जाने के लिए प्रयास तो हुए किन्तु किन्हीं कारणवश निर्माण नहीं हो पा रहा है। रजिस्ट्रार आफिस में सब रजिस्ट्रार श्री रावत के ऊपर हनुमान जी ने ऐसी कृपा हुई कि उन्होंने मंदिर का निर्माण करवा दिया।

श्री बल्देव सिंह सिद्ध महाराज

हनुमान जी के कृपा पात्र रहे बलदेव सिंह सिद्ध महाराज के बारे में बताया जाता है कि उन्हें सिद्धि प्राप्त थी। उनके चमत्कार की चर्चा आज भी होती है लोगों ने देखा है दो पंछी रामू और श्यामू आकाश में उडा करते थे महाराज जब नाम लेकर बुलाते कुछ पल में ही नीचे आ जाते थे महाराज ने देवेंद्रनगर के पास ग्राम गोल्ही में स्थित हनुमान जी के स्थान पर समाधि ले चुके हैं।

Created On :   2 Feb 2025 3:26 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story