Panna News: प्राथमिक सुविधाओं से वंचित सलेहा क्षेत्रवासी, पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार नहीं हुए कार्य

प्राथमिक सुविधाओं से वंचित सलेहा क्षेत्रवासी, पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार नहीं हुए कार्य
  • प्राथमिक सुविधाओं से वंचित सलेहा क्षेत्रवासी
  • पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार नहीं हुए कार्य

Panna News: गुनौर विधानसभा मुख्यालय होने के साथ अनुविभाग स्तर के सभी मुख्यालयों से सुसज्जित तो है किंतु यहां आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। पिछले कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गुनौर प्रवास के दौरान सलेहा को महाविद्यालय के साथ सलेहा क्षेत्र के समुचित विकास की घोषणा कर सलेहा को एक बड़ी सौगात दी थी जिस कारण सलेहावासियों में काफी उत्साह था किंतु न आज तक महाविद्यालय का भूमि पूजन हुआ न ही अभी तक समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का भूमिपूजन हुआ है। तत्कालीन मुख्यमंत्री की घोषणा केवल घोषणा बनकर रह गई है। अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब केन्द्रीय कृषि मंत्री के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। अब सलेहावासी बस उम्मीद पर निर्भर हैं।

पेयजल योजना बनी शोपीस

सलेहा का समूचा क्षेत्र पेयजल एवं सिंचाई सुविधाओं हेतु मात्र भूमिगत जल पर ही निर्भर है। बरसात के बाद कुछ महीने गुजरने के बाद भूमिगत जल का स्तर अत्यंत नीचे चले जाने के कारण जल स्त्रोत सूख जाते है और यहां की जनता बूंद-बूंद पानी के लिए तरसती रहती है। सलेहा नगर में संचालित नलजल योजना विगत 35 वर्ष पूर्व बनाई गई योजना का संचालन किया जा रहा है लेकिन वर्तमान समय में विगत वर्ष पहले पीएचई विभाग द्वारा वन विभाग परिसर के अन्दर टंकी का निर्माण कराया गया। जिसका कार्य आज तक पूर्ण नहीं किया गया या फिर वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन पानी की टंकियों का निर्माण कार्य किया जा रहा है साथ ही गांवों के अन्दर पाइप लाइन भी डाली जा रही है और यह कार्य विगत तीन साल से लगातार चालू है पर ग्रामीणवासी आज़ तक यह नहीं समझ पा रहे की इनमें पानी कब आयेगा और कहा से आयेगा। बस घर के सामने नल लगे तीन साल पूरे हो गए पर पानी की एक बूंद अभी तक नहीं आई है। जिससे पीएचई विभाग की उदासीनता प्रदर्शित हो रही है। सलेहा क्षेत्र में गर्मियों के समय भीषण पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है।

16 वर्षों से अपूर्ण पड़ी वृहद सिंचाई परियोजना

सलेहा क्षेत्रवासियों द्वारा लंबे अरसे से सिंचाई सुविधा हेतु भितरी-मुटमुरू एवं तेन्दुघाट डैम से नहर के द्वारा पानी की मांग लगातार की जाती रही है कि कुछ समय पहले क्षेत्रीय सांसद व भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा एवं पूर्व मंत्री व वर्तमान पन्ना विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह, पूर्व पन्ना जिले के प्रभारी मंत्री रामकिशोर कावरे द्वारा सलेहा, गुनौर प्रवास के दौरान क्षेत्र के किसानों ने सिंचाई सुविधा हेतु पानी की मांग रखी थी जिसे गंभीरता से लेते हुए संवेदनशील जनप्रतिनिधियों ने भितरी-मुटमुरु बांध निर्माण के दौरान हुई अनियमितताओं की जांच एवं नहरों द्वारा सलेहा, गुनौर क्षेत्र में पानी लाने का आश्वासन भी दिया था। मुख्यमंत्री के पन्ना दौरे पर कई बार यह मांग दोहराई जा चुकी है लेकिन धरातल में आज तक कोई भी कार्य नहीं किया गया है। एक बार पुन: विधानसभा चुनाव हुए फिर भाजपा सरकार बनने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से लोग उम्मीद लगाए हुए हैं साथ ही किसान काफी चिंतित एवं परेशान हैं किसान हितैषी मुख्यमंत्री द्वारा किसानों को सिंचाई सुविधाओ हेतु कोई बड़ी सौगात का इंतजार कर रहे हैं।

स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार सहित चिकित्सकों की जरूरत

सलेहा क्षेत्र काफी विस्तृत है यहां एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सलेहा में है पर आवश्यक जांच सुविधाओ की कमी तो है साथ ही यहां पर लगभग सौ गांवों के निवासी आश्रित है यहां पर एक चिकित्सक की पदस्थापना तथा कर्मचारियों की कमी होने के कारण क्षेत्रवासियों को इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में जाना पड़ता है वैसे भी सलेहा क्षेत्र में लगभग सौ गांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सलेहा से आश्रित हैं लेकिन आज तक जिला प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान आकर्षित नहीं किया न ही महिला चिकित्सक की नियुक्ति की गई जिससे ग्रामीणों को शहरों में स्वास्थ्य सुविधा हेतु निजी अस्पतालों की शरण लेना मजबूरी हो जाता हैं।

शासकीय शिक्षण संस्थानों का आभाव

विगत 1994-95 में सलेहा में शासकीय हायर सेकेण्डरी विद्यालय की शुरुआत की गई थी सलेहा क्षेत्र के जुड़े हुए सैकड़ों गांव के छात्रों को सुविधाजनक शिक्षा मिल सके लेकिन जब से विद्यालय की शुरुआत हुई है तब से आज तक सभी विषयों के शिक्षकों की कमी एवं समस्याओं से जूझता आ रहा है और न ही इस विद्यालय को विगत 25 बर्ष में कोई शासन द्वारा प्राचार्य पद पर पदस्थ किया गया है आज भी यहां पर प्रभारी प्राचार्य एवं अतिथि शिक्षकों के भरोसे शिक्षा का कार्य चल रहा है। शिक्षकों के अभाव के चलते शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हुआ है। इस ओर न तो शासन ने ध्यान दिया और न ही जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान दिया गया।

Created On :   12 April 2025 12:41 PM IST

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