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Panna News: सेवानिवृत्त शिक्षक विजय चंसौरिया ने गरीबों के लिए दिखाई मानवता की मिसाल
- सेवानिवृत्त शिक्षक विजय चंसौरिया ने गरीबों के लिए दिखाई मानवता की मिसाल
Panna News: जिले के सेवानिवृत्त शिक्षक विजय चंसोरिया ने एक बार फिर अपनी सेवायें, त्याग और समाजसेवा के उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। अपनी धर्मपत्नि श्रीमती हेमलता चंसोरिया के साथ उन्होंने पन्ना तहसील के ग्राम सुनहरा में गरीब और वृद्ध आदिवासी पुरुष एवं महिलाओं के बीच ठंड से बचाव के लिए रजाइयों का वितरण किया। यह कदम न केवल उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है बल्कि समाज के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता और दया की भावना को भी प्रकट करता है। श्री चंसोरिया की यह पहल किसी साधारण दान कार्य से बहुत अधिक है। उल्लेखनीय है कि उन्होंने अपनी शासकीय सेवा से मिली लाखों रुपए की धनराशि को गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित कर दिया। शिक्षा के प्रति उनके इस गहरे लगाव और समर्पण ने कई बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल किया है। इतना ही नहीं वह हर साल अपनी पेंशन की राशि का उपयोग ठंड के मौसम में गरीबों के लिए रजाइयां और बच्चों के लिए गर्म कपड़े वितरित करने में करते हैं। इस बार भी ग्राम सुनहरा में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने स्थानीय निवासी पंडित रामनरेश अवस्थी द्वारा चयनित जरूरतमंदों को रजाइयां वितरित कीं। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने विजय चंसोरिया और उनकी धर्मपत्नि के इस महान कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की। श्री चंसोरिया का यह प्रयास गरीब और असहाय लोगों के जीवन में गर्मजोशी और राहत का संचार करता है।
ग्राम सुनहरा निवासी पंडित रामनरेश अवस्थी ने कहा विजय चंसोरिया जैसा परोपकारी व्यक्ति समाज में प्रेरणा का स्तंभ है। उन्होंने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया है बल्कि समाज के कमजोर वर्ग के उत्थान में भी अग्रणी भूमिका निभाई है। यह पहली बार नहीं है जब श्री चंसोरिया ने समाजसेवा का यह अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। वह समय-समय पर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सहायता पहुंचाते रहते हैं। चाहे वह बच्चों की पढ़ाई का खर्च हो, गरीबों को गर्म कपड़े उपलब्ध कराना हो या जरूरतमंदों को रजाइयां बांटना हो। विजय चंसोरिया का हर कदम एक प्रेरणा है। हाल ही में उन्होंने आसपास के कई गांवों में भी जाकर रजाइयां वितरित कीं। उनके इस नेक कार्य से हजारों लोगों को ठंड के इस भीषण मौसम में राहत मिली है। ग्राम सुनहरा में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित बुजुर्ग और महिलाएं भावुक होकर श्री चंसोरिया को आशीर्वाद देती नजर आईं। उनकी आंखों में कृतज्ञता और दिल में उनके प्रति सम्मान झलक रहा था।
श्री चंसोरिया का मानना है कि समाज को बेहतर बनाने के लिए हमें जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। वह कहते हैं हमारी संपत्ति का सही उपयोग तभी है जब वह किसी जरूरतमंद के काम आए। ठंड में एक रजाई किसी के जीवन को बचा सकती है और बच्चों की शिक्षा उन्हें भविष्य में आत्मनिर्भर बना सकती है। श्री विजय चंसोरिया की यह भावना और समर्पण केवल उनके व्यक्तिगत जीवन तक सीमित नहीं है बल्कि समाज के लिए एक आदर्श और प्रेरणा है। उनका यह प्रयास हमें यह सिखाता है कि एक व्यक्ति भी अपने योगदान से समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है।
Created On :   27 Dec 2024 11:31 AM IST