Panna News: जय निकुंज नर्सरी में सूख रहे फूल-पौधे, विभागीय अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

जय निकुंज नर्सरी में सूख रहे फूल-पौधे, विभागीय अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
  • जय निकुंज नर्सरी में सूख रहे फूल-पौधे
  • विभागीय अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
  • मनरेगा नर्सरी की भी हालात खराब

Panna News: शाहनगर मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूरी पर 6 एकङ रकवा में फैली संजय निकुंज नर्सरी देखरेख के अभाव में सूख चुकी है। जहां बहुमुल्य फूलों में गुलाब जुही, चंपा, चमेली, गुडहलए बेला, चमेली सहित कई सुंगधित फूल जो बारहमासी फूलते थे जो अब सूख रहे हैं लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते हरी-भरी नर्सरी अब वीराना हो चुकी है। यहां एक प्रायवेट कंपनी द्वारा पाईप रखे हुए हैं ओर कुशा घास ने अपना जाल फैला लिया है। ०6 एकङ की नर्सरी में प्राइवेट कंपनियों ने अपने प्लास्टिक के पाईप रखे हैं। जहां अधिक से अधिक क्षेत्र में फूल रोपित किए गए थे वहां आज कुशा घास ने अपना आशियाना बना लिया है और वह खत्म होने की कगार पर हैं।

श्रमिकों का अभाव होना बताई वजह

जब इस संबध में जानकारी ली गई तो बताया गया कि यहां ४ श्रमिक है जो पर्याप्त नहीं हैं। ०६ एकड के लंबे एरिया में ०४ श्रमिक हैं जहां पर्याप्त स्टॉफ न होने के चलते दो श्रमिक नदीं में रखी मोटर की तकवारी दिन-रात करते हैं। यहां चोरों के आतंक से पूर्व में भी मोटरों की चोरी हो चुकी है। जिसमें दो श्रमिक पूरी नर्सरी में देखरेख करते हैं। जिससे यहां की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है। उक्त मामले में जब यहां की देखरेख कर रहे माली से बात की गयी तो उन्होंने कहा की यहां से केन नदीं निकली है जिसमें पर्याप्त पानी नहीं रहता अभी पानी आया है। तीन माह से यहां पानी नहीं था शासन को चाहिये की यहां बोर कराया जाये और कूप निर्माण की भी व्यवस्था कराई जाये जिससे पर्याप्त पानी मिल सके। नदी में पानी न होने से भी ऐसी स्थिति बन गयी है।

देखरेख के अभाव में सूखने लगे मनरेगा योजना से लगाये गये पौधे

०2 एकङ के एरिया में नर्सरी से लगी हुई मनरेगा की नर्सरी भी है जहां पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के उद्देश्य से जल जीवन हरियाली अभियान चलाया जा रहा है। जिसको मनरेगा योजना के तहत जीवन हरियाली योजना में करोडों खर्च होने की बात कहीं गई है। शाहनगर स्थित संजय निकुंज आमा नर्सरी में मनरेगा योजना द्वारा पौधा पंचायतों में नहीं भेजे गये न ही फील्ड अधिकारियों द्वारा इस योजना में रूचि ली गई। जिसके चलते यहांं लाखों रुपये के पौधे पानी से वंचित होने पर सूख गये। इसे विभागीय अधिकारियों की लापरवाही कहें जिन्होंने समय-समय पर निरीक्षण नहीं किया और न ही यहां पदस्थ श्रमिकों का ध्यान भी नहीं गया।

इनका कहना है

मेरी जानकारी में नहीं है वैसे संजय निकुंज शाहनगर में आर.ङी. अहिरवार पदस्थ हैं जिनके पास चौमुखा नर्सरी पवई का चार्ज भी है। दोनों नर्सरियों की वजह से ऐसा हो सकता है। बात मनरेगा योजना की नर्सरी की है तो यहां यमन कुसरे है मैं ंयहां की नर्सरी की जांच कराऊंगा।

पी.के. श्रीवास्तव, सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग पन्ना

Created On :   4 April 2025 1:10 PM IST

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