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Panna News: फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम 10 फरवरी से
![फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम 10 फरवरी से फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम 10 फरवरी से](https://www.bhaskarhindi.com/h-upload/2025/02/06/1400847-.webp)
- फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम
- सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम 10 फरवरी से
Panna News: पन्ना जिले में फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत आगामी 10 से 25 फरवरी तक सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी.पी. प्रजापति ने एमडीए कार्यक्रम आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 10, 11, 13 एवं 14 फरवरी को स्कूल व आंगनबाडी केन्द्रों एवं संस्थाओं में बूथ के माध्यम से दवा का सेवन कराया जाएगा जबकि दवा सेवकों द्वारा 15 से 21 फरवरी तक घर-घर भ्रमण कर फायलेरिया रोधी दवा खिलाई जाएगी। इसी तरह 22, 24 एवं 25 फरवरी को मॉप अप राउण्ड में छूटे हुए व्यक्तियों को फायलेरिया रोधी दवा का सेवन कराया जाएगा। गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोडकर दो वर्ष से अधिक आयु की समस्त जनसंख्या को फायलेरिया रोधी तीन तरह की दवाईयों का सेवन आवश्यक है। एलवेण्डाजोल की एक गोली सभी को चबाकर खानी है जबकि डीईसी की गोली आयु अनुसार तथा आइवर मेक्टिन गोली का सेवन ऊंचाई के अनुसार करना है। दो से पांच वर्ष के बच्चों को डीईसी की एक गोली, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को दो गोली तथा 15 वर्ष से ऊपर के बच्चों को तीन गोली खिलाई जाएगी जबकि 90 से 119 से.मी. की ऊंचाई वाले बच्चों को आइवर मेक्टिन की एक गोली, 120 से 140 से.मी. की ऊंचाई वाले बच्चों को दो गोली तथा 141 से 158 से.मी. की ऊंचाई वाले व्यक्तियों को तीन गोली एवं 158 से.मी. से अधिक ऊंचाई वाले व्यक्तियों को चार गोली का सेवन कराया जाएगा। सीएमएचओ ने बताया कि फायलेरिया बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को हाथी पांव अथवा हाइड्रोसील होता है। एक बार शरीर में रोगाणु के प्रवेश करने पर 8 से 10 वर्षों तक कोई लक्षण प्रकट नहीं होते लेकिन शरीर के अंदर लिम्फेटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचता रहता है। जिससे बाद में हाथी पांव बीमारी होती है।
इसलिए स्वस्थ्य व्यक्ति सहित समस्त लक्षित जनसमुदाय को दवा सेवन करना जरूरी है। किसी व्यक्ति के शरीर में फायलेरिया रोगाणु होने पर दवा सेवन के बाद बुखार आना सिर दर्द, चक्कर आना, उल्टी आना या खुजली जैसे लक्षण हो सकते हैं। इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह कुछ समय पश्चात स्वयं ठीक हो जाता है। प्रतिकूल प्रभाव उत्पन्न होने पर दवा सेवक टीम से संपर्क किया जा सकता है। प्रतिकूल प्रभाव वाले मरीजों के उपचार के लिए सेक्टरवार 24 रैपिड रिस्पॉस टीम भी गठित की गई है। इस वर्ष पन्ना शहरी क्षेत्र को छोडकर जिले के समस्त विकासखण्ड में एमडीए का आयोजन होगा। इस दौरान 10 लाख 68 हजार 262 की लक्षित आबादी को दवा सेवन कराया जाएगा। इसके लिए 4 हजार 273 दवा सेवक और 427 सुपरवाइजर की ड्यूटी भी निर्धारित की गई है। इस दौरान अरूणेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह जिला मलेरिया अधिकारी, डॉ. एल.के. गुप्ता जिला स्वास्थ्य अधिकारी, प्रकाश आठ्या मलेरिया निरीक्षक, सदब खान मलेरिया कंसलटेंट, राशि पाण्डेय मीडिया प्रभारी, राजेश तिवारी फार्मासिस्ट मौजूद रहे।
Created On :   6 Feb 2025 12:46 PM IST