Panna News: रेल्वे लाईन की आड में हीरा तलाशने में जुटे ठेकेदार, सकरिया से पन्ना लाइन के लिए खोदा जा रहा पहाड़

रेल्वे लाईन की आड में हीरा तलाशने में जुटे ठेकेदार, सकरिया से पन्ना लाइन के लिए खोदा जा रहा पहाड़
  • रेल्वे लाईन की आड में हीरा तलाशने में जुटे ठेकेदार
  • सकरिया से पन्ना लाइन के लिए खोदा जा रहा पहाड
  • खुदाई के दौरान निकलने वाली चाल, ग्रेवल और पत्थरों को रहा अवैध भंडारण
  • बहेरा के पास बिना अनुमति लगाया गया क्रेसर प्लांट, हीरा खोजने की तैयारी

Panna News: आने वाले दिनों में पन्ना में रेलवे स्टेशन बनाया जायेगा जिसका स्वरूप डायमंड की तरह होगा। इसकी घोषणा पहले ही रेलवे द्वारा की जा चुकी है। रेलवे स्टेशन की डिजाईन का ३-डी मॉडल देखकर हर शहरवासी को खुशी हुई थी कि पन्ना की पहचान को ध्यान में रखते हुए रेलवे स्टेशन को हीरे की तरह बनाया जायेगा। भले ही अभी हीरेनुमा रेलवे स्टेशन दूर की बात हो लेकिन हीरे की चमक रेलवे के अधिकारियों और ठेकेदार को अभी से विचलित कर रही है। यही कारण है कि जैसे ही रेलवे लाइन का काम सकरिया से पन्ना की तरफ प्रारंभ हुआ रेलवे के अधिकारियों और ठेकेदारों के मन में हीरे की चाह जाग गई। यही कारण है कि इन दिनों रेलवे ट्रेक का काम करने से अधिक ध्यान सकरिया-पन्ना क्षेत्र के हीराधरित इलाके पर है। विदित हो कि सकरिया, बहेरा और झारखण्डन माता मंदिर के पास का इलाका बेशकीमती हीरों की धरती के लिए विख्यात है। कभी इस क्षेत्र में नायाब हीरे मिला करते थे। पन्ना का सबसे बडा हीरा इसी क्षेत्र में पाया गया था लेकिन वन क्षेत्र होने के चलते यहां व्यापक स्तर पर हीरे की तलाश नहीं हो सकी लेकिन अब वन क्षेत्र में रेलवे लाइन बिछाने के सहारे जंगल के बडे इलाके को खोदा जा रहा है।

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ऐसे में उक्त कार्य में लगे ठेकेदार एवं रेलवे के अधिकारियों द्वारा हीरा चाल ग्रेवल और पत्थरों को खुलेआम अन्य स्थान पर भेजा रहा है। इस संबंध में जब खनिज विभाग से बात की गई तो पता चला कि रेलवे ट्रेक के लिए हो रही खुदाई में निकले वाली सामग्री के परिवहन या भंडारण संबंधित कोई अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में स्पष्ट है कि हीरे की चाह में रेलवे लाइन के काम को दरकिनार कर ठेकेदार व अधिकारियों द्वारा मनमानी की जा रही है। गौरतलब है कि मौके पर विशालकाय मशीनों से उत्खनन किया जा रहा है। सामान्य तौर पर रेलवे ट्रेक के लिए जहां 50-60 मीटर चौडी जगह की आवश्यकता होती है वहीं सकरिया में करीब 100 मीटर चौडे इलाके में 20-30 मीटर गहरी नहर नुमा संरचना बनाई जा रही है। बताया जाता है कि सकरिया और पन्ना के बीच समुद्रतल की ऊंचाई में कुछ मीटर का अंतर है। ऐसे में यहां खुदाई करते हुए रेलवे ट्रेक का लेविल बनाया जा रहा है।

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बहेरा में खडा कर दिया पहाड़

पन्ना-सतना मुख्य मार्ग पर बहेरा गांव में जहां कभी रेत के टीले दिखाई देते थे अब उसी भूमि पर विशाल पहाड खडा किया जा रहा है। बताया जाता है कि रेलवे के अधिकारियों और ठेकेदार द्वारा यहां बिना किसी भंडारण अनुमति के हीरा ग्रेवल और पत्थरों का भंडारण हो रहा है। जानकरों की मानें तो सकरिया-बहेरा के बीच करीब 20 लाख घनमीटर ग्रेवल और पत्थरों के निकलने की संभावना है। ऐसे में यहां व्यापक स्तर पर भंडारण कर हीरा तलाशने का काम किया जा रहा है। कहने को मौके पर एक क्रेशर प्लांट भी लगा है लेकिन इसकी भी कोई अनुमति खनिज विभाग से प्राप्त नहीं की गई। क्रेशर प्लांट के साथ ही चाल को धोने के लिए पिट भी बनाए गए हैं। यह सब नेशनल हाइवे 39 पर हो रहा है और खनिज विभाग व जिला प्रशासन पूरे मामले से अनभिज्ञ है। जानकार बताते हैं कि पन्ना के हीराधरित क्षेत्र में 3 घनमीटर में 1 कैरेट हीरा मिलने की संभावना रहती है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि 20 लाख घन मीटर ग्रेवल होने पर कितना हीरा मिल सकता है। खनिज एवं हीरा विभाग को चाहिए कि पन्ना में हीरा उद्योग को बढावा देते हुए रेलवे ट्रेक यह निकले वाले ग्रेवल की विधिवत नीलामी कराई जाए जिससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल सके और खुलेआम हो रही लूट पर अंकुश लग सके।

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इनका कहना है

फिलहाल रेलवे को उत्खनन की अनुमति दी गई है लेकिन परिवहन एवं भंडारण को लेकर कोई अनुमति जारी नहीं हुई है। कुछ लोगों द्वारा उत्खनित पत्थरों से गिट्टी बनाने हेतु आवेदन दिया था फिलहाल प्रस्ताव पर कार्यवाही चल रही हैए अभी कोई अनुमति स्वीकृत नहीं हुई है।

रवि कुमार पटेल, उप संचालक खनिज विभाग पन्ना १७

Created On :   12 Nov 2024 12:04 PM GMT

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