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Panna News: गर्मी बढ़ने के साथ ही नगर में शुरू हुई जल सकंट की आहट

- गर्मी बढ़ने के साथ ही नगर में शुरू हुई जल सकंट की आहट
- पानी की खपत बढ़ी, साल भर से हर दूसरे दिन हो रही है पानी की सप्लाई
- तेजी के साथ सूखे रहे हैं तालाब, जल सकंट से निपटने नगर पालिका ने बनाया प्लान
Panna News: पन्ना शहर की सीमाओं के विस्तार के साथ ही नगर पालिका में वार्डाे की संख्या २२ से बढकर २८ हो चुकी है शहर की आबादी ८० हजार की संख्या को पार कर चुकी है। सीमा क्षेत्र का विस्तार होने और आबादी के बढ़ते दबाव के साथ ही शहरवासियों की प्यास बुझाने के साथ ही उनके दैनिक जरूरतों में उपयोग होने वाले पानी की व्यवस्था एक बडी चुनौती के रूप मे सामने है। पन्ना शहर के लोगों की प्यास तीन तालाबों से निकालकर सप्लाई किए जाने वाले पानी से बुझती है पिछले कुछ सालों से जिले की औसत वर्षा से काफी कम वर्षा हो रही है और इसके चलते तालाब भर नहीं रहे हैं और इसके चलते गर्मी में तालाब जबाव देने लगते है और गर्मी के दौरान शहरवासियो को पानी के सकंट का सामना करना पडता है। इस वर्ष भी गर्मी बढने के साथ ही जल संकट की आहट शुरू हो चुकी है। तालाबों में पानी की कम उपलब्धता के चलते नगर पालिका द्वारा सालभर से एक दिन छोडकर एक दिन पानी की सप्लाई दी जा रही है और इस तरह से सप्लाई व्यवस्था बरसात और ठंडी में पानी की खपत कम होती है लोगों का काम चल रहा था परंतु गर्मी बढऩे के साथ ही पानी की आवश्यकता बढ़ गई है इसके विपरीत यह स्थिति है पानी की सप्लाई का समय पूर्व की तुलना में कम हो गया है और इसके चलते अब शहर से कई इलाको से इस बात की शिकायतें सामने आ रही है कि लोगों को पानी जुटाने के लिए कुओं तथा बोरों और लगे हैण्डपम्पों की दूरियां नापकर डिब्बों में पानी लाना पडता है।
तीन तालाबों से होती है सप्लाई फिलहाल तीनों में पानी
पन्ना शहर में वर्तमान में तीन तालाबों निरपत सागर तालाब, धरमसागर तालाब एवं लोकपाल सागर तालाब से रा-वाटर एकत्रित कर पहाडीकोठी पर स्थित जल शोधन संयत्र क्षमता ९.०० एमएलडी के द्वारा अलग-अलग वार्डो में स्थित पांच नग वोव्हर हैड टैंको जिनकी क्षमता महेन्द्र भवन ६०८ केएल, जिला पंचायत कार्यालय ६५० केएल, इन्द्रपुरी कालोनी ७५० केएल, बिटनरी के पास ६०० केएल, खेजडा मंदिर के पास ४५० केएल के साथ-साथ आवश्यकतानुसार ट्यूब वैलो से जल प्रदाय किया जाता है। वर्तमान में जिन तालााबों से पानी की सप्लाई होती है उसर्मं निरपत सागर में ०.७० मिलियन क्यूसिक मीटर धरमसागर में ०.५० मिलियन क्यूबिक मीटर तथा लोकपाल सागर में १.० मिलियन क्यूसिक मीटर पानी उपलब्ध है। नगर पालिका प्रबंधन की चिंतायें जब अधिक बढ सकती है यदि मानसून में विलंब होगा तो जल संकट एक गंभीर चुनौती बन जायेगा।
तालाबों में अभी कुल २.२० मिलियन क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध
नगर पालिका से मिली जानकारी के अनुसार निरपत सागर की कुल क्षमता १.३५ के विरूद्ध अभी ०.७७ मिलियन क्यूबिक मीटर धरमसागर की तालाब की कुल क्षमता १.१३ के विरूद्ध ०.५० मिलियन क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध है। लोकपाल सागर तालाब से अनुबंध अनुसार १.६९८ मिलियन क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध होता है उसके विरूद्ध अभी १.०० मिलियन क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध है। इस तरह से जलाशयों से मिलने वाले पानी की कुल क्षमता ४.१७८ के विरूद्ध २.२० मिलियन क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध है।
हैण्डपम्प ट्यूब वैल संकट में सहारा
पन्ना नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत कुल १२० हैण्डपम्प स्थापित है इसके साथ ही १३५ टृयूब वैल भी मौजूद है। शहर के विस्तारित क्षेत्रों में ग्रामीणों को पानी की व्यवस्था का फिलहाल हैण्डपम्प और ट्यूब वेल ही सहारा बने हुए है। इनके खराब होने पर लोगों को पानी की भीषण समस्या से जूझना पडता है। गर्मी बढने के साथ ही नगर के लोग घरों में पानी आपूर्ति कम होने की वजह से बोर और हैण्डपम्पों से पानी की व्यवस्था कर कामकाज चला रहे है।
जल संकट से निपटने के लिए नपा तैयार, टैंकरों से पहुंचाया जायेगा पानी
ग्रीष्म ऋतु में पेयजल संकट से निपटने के लिए अतिरिक्त टैंकर परिवहन की व्यवस्था आवश्यकता अनुसार की गई है। पेयजल सप्लाई लाइन के संधारण का कार्य सभी २८ वार्डाे में ठेकेदार के माध्यम से किया जा रहा है। निरपत सागर में १००-१०० एचपी के पुराने पम्पों के स्थान पर दो नवीन मोटर पम्प स्थापित किए जा चुके है। जल संकट से निपटने के लिए नगर पालिका द्वारा आवश्यकता पडने पर टैंकरों से पानी की सप्लाई करने के लिए तैयारी कर रखी है।
पानी की असमय सप्लाई से लोग परेशान
शहर के कई क्षेत्रों में पानी की सप्लाई को लेकर एक निश्चित समय नहीं होने को लेकर लोगों से शिकायत सुनने को मिली। वहीं सप्लाई को लेेकर इस बात की भी शिकायत है कि सुबह काफी देर यहां तक कभी-कभी ०९ बजे के बाद तक सप्लाई खोली जाती है और कामकाजी लोग देर से सप्लाई होने पर पानी ही नहीं भर पाते और परेशानी होती है। लोगों का कहना है कि ६-८ बजे की अवधि पानी की सप्लाई के लिए सुविधाजनक होगी इस दिशा नगर पालिका प्रबंधन को जरूरी कदम उठाने होगें।
अतिरिक्त जल व्यवस्था के दोनों प्रोजेक्ट अधूरे
पन्ना शहर की आबादी कई गुना बढ चुकी है किन्तु पेयजल की व्यवस्था को लेकर पुराने तालाबों के पानी पर ही पूरा शहर निर्भर है। वर्षा कम होने से निरपत सागर व लोकपाल सागर तालाब बरसात में खाली बने रहते है। अतिरिक्त जल व्यवस्था के उद्देश्य से ०६ करोड रूपए से भी अधिक की लागत से स्वीकृत किलकिला फीडर कैनाल प्रोजेक्ट की गति अत्याधिक धीमी है और इस साल भी बरसात में इसका कोई लाभ धरमसागर तालाब व लोकपाल सागर तालाब को फीड करने के मामले में नहीं मिल पायेगा। अतिरिक्त जल व्यवस्था के उद्देश्य के साथ ही कुंजवन के समीप पहाडी क्षेत्र में एक नया खोये तालाब तीन साल पूर्व स्वीकृत हो गया था जिसका निर्माण भी शुरू किया गया किन्तु तालाब निर्माण कार्याे को पूरा करने के मामले में कछुआ गति बनी हुई है और अभी तक न के बराबर ही तालाब बनाये जाने कार्य हो पाया है ऐसे में खोये तालाब का लाभ कब तक मिलेगा यह नहीं कहा जा सकता।
Created On :   19 April 2025 1:19 PM IST