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Panna News: मकर संक्राति पर आयोजित हो रहा है १५ दिवसीय पारंपरिक मेला, भेड़ाघाट की तरह पंडवन में गिरता है पानी, सात नदियां का संगम
- मकर संक्राति पर आयोजित हो रहा है १५ दिवसीय पारंपरिक मेला
- भेड़ाघाट की तरह पंडवन में गिरता है पानी
- सात नदियां का संगम
Panna News: अमानगंज स्थित पंडवन की प्राकृतिक खूबसूरती पहुंचने वाले लोगों का मनमोह लेती है। केन नदीं में दमोह व अन्य जिलों से यहां पर ०६ अन्य नदियां मिढ़ासन व सोनार, बघने, पतने, ब्यारमा व एक अन्य नदी मिल जाती है। सात नदियो का मिलने वाला पानी पूराखोह में चला जाता है और करीब ०३ किलोमीटर दूर तक पूरा पानी जमीन व पत्थरों के नीचे से जाता है। भेडाघाट की तरह बडीी-बडी संगमरमर जैसी चट्टानोंं की खूबसूरती देखने को मिलती है। अमानगंज स्थित पंडवन यहां के संबंध में ऐतिहासिक मान्यताओं की वजह से लोगों के बीच श्रद्धा एवं आस्था का केन्द्र बिन्दु है और इस स्थान को पंडवन धाम के रूप में जाना जाता है। मकर संक्राति के पर्व पर हर वर्ष आयोजित होने वाले मेले में लोगो की संख्या ५० हजार से अधिक तक पहुंच जाती है किन्तु सात नदियों अपने गोद में सामहित करने वाला पंडवन का स्थान पर्यटन को लेकर अभी तक उपेक्षित है प्रचार-प्रसार और आवश्यक व्यवस्थायें नहीं होने के चलते यहां पर जो पर्यटन को बढावा देने वाली अपार संभावनायें है वह सिर्फ्र उम्मीद तक ही वर्षाे से सीमित है।
पांडव के अज्ञात वास में आकर गुफा में रहने की है मान्यता
द्वापर युग में घुतक्रीडा में पराजित होने पर १२ वर्ष का वनवास व ०१ वर्ष का अज्ञात वास पांडव को दिया गया था। सात नदियों के संगम स्थल का नाम इसी मान्यता से जुडा हुआ है। मान्यता है कि अज्ञात वर्ष के समय पांचो भाई पांडव पत्नी द्रोपदी के साथ यहां पहुंचे थे और यहां स्थित खाोहो में काफी समय उन्हें गुजरा था और उसी मान्यता पर इस स्थल को पंडवन धाम के नाम से जाना जाता है। नदियों के संगम स्थल पर बडी-बडी चट्टाने के बीच बनी पारियां इस मान्यता को प्रमाण देने वाले है।
मकर संक्राति का मेला लोगों के मिलने के साथ व्यापार का केन्द्र बिन्दु
मकर संक्राति पर परपंरागत रूप से यहां पर प्राचीन समय से बडे मेले का आयोजन होता चला रहा है पूर्व यह मेला व्यापारियों के लिए व्यापार का केन्द्र बिन्दु रहता था। लोग मेले में मिलने के साथ ही यहां से कई जरूरी उपयोग समान खरीदकर ले जाते रहे कृषि उपकरणों के साथ ही घर में उपयोग की जाने वाली लोहे की समाग्री कुल्हाडी कड़ाही, हंसिया, चिमटा और बेलगाडी के पहिये दूर से दूर लोग आकर खरीदकर ले जाते थे। मेले की मिठाइयां भी लोगों को इस मेले तक दूर से दूर से खींचकर लाने वाली रही है। धीरे-धीरे समय बदला जिसमें पुरानी परंपरायाओं में से कुछ बंद हो चुकी है किन्तु इसके बावजूद भी क्षेत्रवासियों के लिए मेला आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। मेले में परपरागत रूप से लगने वाली दुकानें में लोग भरपूर खरीदारी कर रहे हैं सर्कस प्रदर्शनी नौटंकी तथा झूले लोगों के मनोरंजन का पंसदीदा माध्यम है। मकर संक्राति का मेला १५ दिन तक पंडवन में आयोजित हो रहा है।
इसका कहना है
अमानगंज तहसील के अंतर्गत जिले में बहुत ही सुन्दर और प्राकृतिक केन नदीं और उसकी सहायक नदियों पर विहंगम पांडव स्थान है इस दिशा में प्रशासन पहल कर रहा है। पर्यटन को बढावा देने के लिए काम किया जायेगा।
सुरेश कुमार, कलेक्टर पन्ना
Created On :   25 Jan 2025 4:50 PM IST