पन्ना: खुलेआम इंडस्ट्री लगाकर किया जा रहा अमानक पाइप का निर्माण

खुलेआम इंडस्ट्री लगाकर किया जा रहा अमानक पाइप का निर्माण
  • खुलेआम इंडस्ट्री लगाकर किया जा रहा अमानक पाइप का निर्माण
  • रूंझ, मझगांय और तेंदुघाट डेम की कैनाल में होगा पाइप का उपयोग
  • न तो कोई पर्यावरणीय एनओसी और न ही कोई अनुमति

डिजिटल डेस्क, पन्ना। जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा बनाए जा रहे बांध में ओपन कैनाल से होने वाली पानी की बर्बादी को रोकने की मंशा से जिले में करोडों रूपये की लागत से खेतों में डेम से सीधे पाइप लाइन से पानी पहुंचाने का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ है। जिसकी जिम्मेदारी हैदराबाद की कम्पनी हर्षा को मिली है। जिले के निर्माणाधीन रूंझ-मझगांय व तेंदुघाट डेम से गुनौर, पवई और अजयगढ क्षेत्र के किसानों को लाभ पहुंचाने की मंशा से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट में पाइप लाइन बिछाने का काम हैदराबाद की कम्पनी को दिया गया है। कम्पनी द्वारा जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर करोडों रूपए के इस प्रोजेक्ट में व्यापक भ्रष्टाचार किया जा रहा है। गौरतलब है कि डेम से निकलने वाली मुख्य कैनाल में बडे लोहे माल्इड स्टील एमएस पाइपों का उपयोग किया जाना है जिसके लिए शासन द्वारा आईएसआई मार्क के पाइप लगाने के निर्देश दिए हैं लेकिन जल संसाधन विभाग व ठेकेदार फर्म की मिलीभगत से पाइप लाइन के लिए पाइपों की खरीदी करने के बजाए पन्ना में ही हैवी स्टील इंडस्ट्री को बिना किसी निर्धारित अनुमति के स्थापित कर दिया गया। जहां मनमाने ढंग से पाइप बनाए जा रहे हैं।

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जिनकी गुणवत्ता हमेशा सवालों में रहेगी। इतना ही नहीं पाइप निर्माण के लिए बिना किसी अधिकृत लायसेंस और अनुमति के ही काम शुरू कर दिया गया है। अजयगढ क्षेत्र के सिंहपुर-धरमपुर मार्ग पर नयागांव के समीप यह प्लांट लगाया गया है जहां व्यापक स्तर पर पाइप बनाए जा रहे हैं। पाइप बनाने के लिए न तो किसी प्रकार की अनुमति प्राप्त की गई और न ही कोई इंडस्ट्री लगाने संबंधित एनओसी प्राप्त की गईं। बिना किसी रोकटोक के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में पाइप बनाने का काम प्रारंभ कर दिया गया। मौके पर ठेकेदार की फर्म द्वारा बडी-बडी मशीनें लगाई गई हैं। जिनके माध्यम से लोहे की शीट को पाइप में बदला जा रहा है। इसके लिए शीट को मशीन के माध्यम से फोल्ड कर बेल्डिंग की जा रही है उसके बाद लोहे की पाइप पर सीमेंट कोट किया जाता है। मौके पर हजारों की संख्या में पाइप बन रहे हैं जिन्हें यहां से सीधा गुनौर क्षेत्र के सलेहा-पवई मार्ग पर शंकरगढ के समीप कम्पनी के डम्पयार्ड में भेजा जा रहा है। जहां बडी मात्रा में इन्हें स्टोर किया गया है। इस पूरे मामले में न तो प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी कोई जानकारी है और न ही इंडस्ट्री के लिए पर्यावरण की कोई एनओसी प्राप्त की गई है। मनमाने ढंग से बृहद परियोजना का संचालन हो रहा है और प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है।

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खतरनाक हो सकता है प्रयोग

रूंझ मझगांय और तेंदुघाट तीनों ही बृहद डेम परियोजनाऐं हैं जहां व्यापक स्तर पर जल संरक्षण किया जा रहा है। यहां से इन्हीं पाइप के सहारे पानी को खेतों तक पहुंचाया जायेगा। ऐसे में यदि पाइप अमानक स्तर के होंगे तो पूरे क्षेत्र के लिए बडा खतरा हो सकता है। बावजूद इसके जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदार को स्वयं की पाइप निर्माण की खुली छूट दे रखी है। जिससे क्षेत्र के किसानों को बडे नुकसान का सामना करना पड सकता है।

इनका कहना है

ठेकेदार द्वारा हमारे यहां से कोई अनुमति नहीं ली गई है क्योंकि शासकीय कार्य है और जल संसाधन विभाग द्वारा तहसीलदार को लिखकर दिया होगा। इसकी पाइप बनाने की जानकारी मिलने पर मौके पर पंचनामा तैयार किया गया और हमारे यहां यह प्रकरण प्रचलन में है जो नियम संगत कार्यवाही होगी वह की जावेगी।

कुशल सिंह गौतम, अनुविभागीय दंडाधिकारी अजयगढ

नियम के तहत काम किया जा रहा है ठेकेदार ने सभी प्रकार की अनुमति ले रखी है। एचडीपीई एवं डीआई सभी प्रकार के पाइप बाहर से आ रहे हैं।

सतीश शर्मा, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग संभाग पन्ना

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Created On :   21 May 2024 11:12 AM GMT

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