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सीमांकन के लिए किसान परेशान अक्सर नदारत रहते हैं आईआई
डिजिटल डेस्क, पन्ना। सरकार की मंशा है कि किसानों के सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा आदि प्रकरणों में उन्हें तहसील के चक्कर न काटना पडे और उनके कार्य सुगमता के साथ हो सकें। प्रत्येक जिला व तहसील मुख्यालय में लोकसेवा केन्द्र खोले गए हैं उसके पीछे केवल यही मंशा है कि किसान सीधे लोकसेवा केन्द्र में आवेदन जमा करें और उन्हें दी गई समयावधि में उनके कार्य का निपटारा किया जाये लेकिन पन्ना तहसील में पदस्थ राजस्व निरीक्षक के.के. दुबे हमेशा मुख्यालय से नदारत रहते हैं। ऐसे आरोप किसान लगा रहे हैं जिसकी वजह से किसान परेशान हैं और वह सीमांकन आदि कार्य के लिए चक्कर काटते रहते हैं। ऐसी स्थिति में सरकार की मंशा पर पानी फेरने का कार्य किया जा रहा है। आज पन्ना तहसील अंतर्गत कई ग्रामों के किसानों ने बतलाया कि आरआई श्री दुबे या तो मिलते नहीं हैं या फिर वह हटा चले जाते हैं। ऐसी स्थिति में हमारे सीमांकन के जो आवेदन हैं वह निराकृत नहीं होते हैं।
जबकि शासन के शासकीय कर्मचारियों के लिए स्पष्ट निर्देश हैं कि वह नियमित रूप से मुख्यालय में रहें लेकिन जिले में इसके विपरीत है शायद ही बहुत ही कम शिक्षक, पटवारी, सचिव मुख्यालय में रहते हो। दिखावे के लिए गांव की दीवालों में संबधित कर्मचारी का नाम व मोबाईल नंबर लेख रहता है जिससे वहां पर पहुंचने वाले अधिकारियों को पता चल जाये कि उक्त कर्मचारी अपना मुख्यालय बनाकर रह रहा है लेकिन ऐसा नहीं हैं। कर्मचारियों के मुख्यालय में न रहने से वहां के गरीबों को अपने कार्यों के लिए बेवजह जिला मुख्यालय तक आकर भटकना पडता है। जिला प्रशासन को चाहिए कि तहसील में पदस्थ आरआई को आवश्यक निर्देश प्रसारित किये जाये कि वह बगैर अवकाश व अनुमति के मुख्यालय न छोडे साथ ही किसानों के लंबित सीमांकन के प्रकरणों के निराकृत करवाये ताकि किसानों को अपने कार्यों के लिए न भटकना पडे।
इनका कहना है
आज ही दो सीमांकन के प्रकरण जो सीएम हेल्पलाईन में थे उसको निपटाया गया है अभी हमारी ड्यूटी गांव में लगी हुई है। बंगाली समाज के विस्थापन के पट्टे की जांच के लिए मैं १५ वर्षों से यहां पर पदस्थ हूं और स्थाई रूप से रह रहा हूं।
के.के. दुबे
राजस्व निरीक्षक तहसील पन्ना
Created On :   15 July 2023 3:26 PM IST