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अस्पताल में महिला का नहीं किया उपचार, मेडिकल कॉलेज की चौखट पर ही हो गई प्रसूति- खुद की नवजात की नाल काटी
डिजिटल डेस्क, यवतमाल। करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए मेडिकल कॉलेज का लाभ जरूरतमंदों को ही नहीं मिल रहा है। हद तो तब हो हई जब एक महिला को प्रसूति के बगैर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। बताया जा रहा है कि महिला के पास से बदबू आ रही थी। इसलिए उसकी प्रसूति नहीं की जा सकी थी, महिला ने मेडिकल कॉलेज की चौखट पर ही नवजात को जन्म दे दिया। डीन डॉ. मिलिंद फुलपाटील का कहना है कि ऐसी घटना होने की जानकारी या शिकायत नहीं आई। मगर जानकारी लेकर जांच करेंगे। इसके बाद कार्रवाई हाेगी।
एक पारधी महिला प्रसूति के लिए शुक्रवार 21 अक्टूबर की रात अस्पताल भर्ती हुई, लेकिन उसे बगैर प्रसूति के ही भगा दिया गया। शनिवार 22 अक्टूबर की सुबह अस्पताल के प्रांगण में उसकी प्रसूति हुई। महिला ने ही खुद बच्चे की नाल तोड़ दी। जैसे-तैसे खुद के कपड़े लपेटकर महिला उसके पति के साथ अपने गांव निकल गई। पीड़िता का नाम प्रतीक्षा सचिन पवार उम्र 22 साल है।
जो नेर तहसील के बालेगांव झोंबाडी की रहने वाली है। शुक्रवार रात नेर से एम्बुलेंस के जरिए मेडिकल कॉलेज के वार्ड नं.3 में दाखिल कराई गई थी। उसे रक्त की जरूरत थी। उसके पति को निजी ब्लड बैंक से रक्त लाने के लिए कहा गया था। गरीब होने के बावजूद पति ने 1600 रुपए में रक्त का बैग खरीदकर दिया था। शनिवार के तड़के 4.30 बजे वह वार्ड नं.3 में पहुंचा, तो नर्स और डॉक्टर ने उस पर ध्यान नहीं दिया। रक्त का बैग देने के बाद भी खून नहीं चढ़ाया गया। इसके बाद सचिन और उसकी पत्नी के साथ गालीगलौज करते हुए वहां से भगा दिया। सुबह 8.30 बजे उसने नवजात को जन्म दिया। पालकमंत्री संजय राठोड के निर्वाचन क्षेत्र दिग्रस के नेर और पीड़िता का गांव आता है। जिसके बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
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Created On :   23 Oct 2022 8:10 PM IST