यूनिवर्सिटी की इमारत बनकर तैयार, एनओसी न मिलने से अटका उद्घाटन

University building ready, inauguration due to non-availability of NOC
यूनिवर्सिटी की इमारत बनकर तैयार, एनओसी न मिलने से अटका उद्घाटन
यूनिवर्सिटी की इमारत बनकर तैयार, एनओसी न मिलने से अटका उद्घाटन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा 5 करोड़ 46 लाख रुपए की लागत से बनाया गया इंटरनेशनल बुद्धिस्ट स्टडी सेंटर (अंतरराष्ट्रीय बौद्ध अध्ययन केंद्र) डेढ़ वर्ष से शुभारंभ की प्रतीक्षा कर रहा है। नागपुर महानगरपालिका की ओर से जरूरी एनओसी न मिलने के कारण 28 अप्रैल 2018 को तय उद्गाटन टाल दिया गया था। तब से अब तक यूनिवर्सिटी ने सेंटर के शुभारंभ के लिए कोई खास कोशिश नहीं की है। यूनिवर्सिटी  के अधिकारी बता पाने की स्थिति में नहीं हैं कि इस इमारत का शुभारंभ कब होगा।  वहीं, बगैर शुभारंभ किए इस इमारत में यूनिवर्सिटी के भाषा विभाग की कक्षाएं लग रही थीं, जिस पर स्टडी सेंटर से जुड़े कुछ विद्यार्थियों ने आपत्ति भी ली है। 

इस कारण लिया निर्णय
दरअसल, विश्वविद्यालय ने रामदासपेठ स्थित ग्रंथालय के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर की 2 मंजिला इमारत बनाई है। इसके ग्राउंड फ्लोर पर संचालक रूम, प्राध्यापकों के दो रूम, ग्रंथालय, रीडिंग रूम, 2 कंप्यूटर रूम, चार क्लासरूम, एक कार्यालय और एक महिला कक्ष बनाया गया है। डॉ.बाबासाहब आंबेडकर ने नागपुर में धम्मदीक्षा ली थी। इस कारण नागपुर को वैश्विक दर्जा मिला हुआ है। ऐसे में विश्व में बौद्ध तत्वज्ञान के संशोधकों और अभ्यासकों के लिए नागपुर विशेष आकर्षण का केंद्र रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए कुछ वर्षों पूर्व नागपुर विश्वविद्यालय ने अपने यहां इंटरनेशनल बुद्धिस्ट स्टडी सेंटर बनाने का निर्णय लिया था। इमारत बन कर तैयार तो हुई, लेकिन उद्घटन के लिए यूनिवर्सिटी ने मनपा के नगर रचना विभाग से अनुमति ही नहीं ली। ऐसे में ऐन वक्त पर यूनिवर्सिटी को यह कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था। तब से यूनिवर्सिटी सेंटर के उद्घाटन में कोई विशेष रुचि लेता नजर नहीं आ रहा है। 

"देश की अखंडता पर प्रहार है नागरिकता संशाेधन विधेयक"
 नागरिकता संशोधन अधिनियम में धर्म के आधार पर भेदभाव किया गया है, जो संविधान विरोधी है तथा देश की अखंडता पर प्रहार करने वाला है। यह  विचार बहुजन रिपब्लिकन सोशालिस्ट पार्टी के एड. सुरेश माने ने व्यक्त किया। देश भर में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। कई राज्यों में प्रदर्शन हिंसक होकर सरकारी संपत्ति का जो नुकसान हो रहा है, इस बात की जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए। भाजपा व आरएसएस के हिंदू राष्ट्र की संकल्पना को लेकर उठाया गया यह अनुचित कदम है। सभी नागरिकों को इसका विरोध करना चाहिए। हालांकि जो लोग इसके विरोध में हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं, वह भी सरासर गलत है। अपने राज्य में अधिनियम लागू न हो सके, इसके लिए बीआरएसपी का विरोध जारी रहेगा।

Created On :   23 Dec 2019 11:18 AM IST

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