अचानक बंद कर दी गई आदिवासी बहुल ग्राम की जिला परिषद स्कूल

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अचानक बंद कर दी गई आदिवासी बहुल ग्राम की जिला परिषद स्कूल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोंढाली  जिला परिषद के तहत  आने वाले अहमदनगर  पूर्ण  आदिवासी बहुल ग्राम  की जिला परिषद स्कूल में विगत  एक माह  से  शिक्षक  नहीं मिल रहे। नागपुर जिले  के काटोल  तहसील  के  कोंढाली  जिला परिषद  क्षेत्र के तहत आदिवासी  बहुल अहमदनगर गांव  है। यहां  की जनसंख्या तकरीबन 208 है। गांव  जंगल क्षेत्र में बसा है। जहां करीब 45 वर्षों से  जिला परिषद द्वारा  स्कूल चलाई  जा रही थी, किंतु   शिक्षा  विभाग  तथा  तत्कालीन  शिक्षक  की  गलत  जानकारी  के  चलते  यहां  का  प्राथमिक विद्यालय 2018 के शिक्षासत्र के बीच से ही  अचानक बंद कर दिया गया। तब  स्थानीय  जनता  ने  शिक्षण  विभाग से  कई बार स्कूल शुरू  करने  की मांग की, लेकिन  शिक्षा  विभाग  के कानों  पर  जूं तक नहीं  रेंगी।

अंततः  नागरिकों ने जनप्रतिनिधियों के  साथ  जिला परिषद  सदस्य  रामदास  मरकाम,  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के  युवा  नेता  सलील  देशमुख  तथा  सहकारियों ने  छात्रों के  साथ   नागपुर जिला परिषद के तत्कालीन मुख्यकार्यपालन अधिकारी   डॉ. बलकवड़े से मिलकर  अपनी  व्यथा  बताई। जिस पर  यहां  शिक्षक  नियुक्ति की  जानकारी मिली। इस  बीच डाॅ.  बलकवड़े का  तबादला  हो गया और अहमदनगर  के स्कूल में  शिक्षक  का प्रश्न अधर में लटका  रहा। अखबारों में खबर प्रकाशित व जनप्रतिनिधियों के आंदोलन के बाद अस्थायी रूप से  ही  सही  पर  शिक्षक  भेजा गया था। अब विगत एक माह से शिक्षक नही मिल रहे हैं। ब्लाॅक शिक्षण  अधिकारी  तथा  केंद्र  शिक्षण  अधिकारियों  द्वारा  शिक्षकों की  नियुक्ति  करने  पर भी  शिक्षक  अहमदनगर  जाने  को  तैयार  नहीं होते। जिला  शिक्षणाधिकारी  तथा   जिला परिषद के मुख्यकार्यपालन अधिकारी आदिवासी छात्रों की समस्या को  गंभीरता से लेने की मांग की गई है।

जिला परिषद के  सदस्य  रामदास मरकाम  ब्लाक शिक्षण अधिकारी तथा केंद्र शिक्षण अधिकारी  से संपर्क कर शिक्षक नियुक्ति की मांग  कर रहे हैं।  ब्लाक  में  तथा  जिला परिषद  में  अतिरिक्त  शिक्षक  उपलब्ध है, लेकिन नियुक्ति नहीं  की  जा रही है। वहीं  अस्थायी रूप से भी कोई  शिक्षक  अहमदनगर  के छात्रों  को पढ़ाने जाने तैयार नहीं  है।  विगत लोकसभा चुनाव के समय अहमदनगर की स्थानीय जनता ने जब तक पूर्ण रूप से शिक्षक की मांग म॔ंजूर नहीं होती तब तक चुनाव में मतदान नहीं करने का फैसला लिया था। फिर जिला शिक्षण अधिकारी  वंजारी ने  यहां की स्कूल बंद नहीं होने का आश्वासन दिया था।

शिक्षणाधिकारी भूले वादा

लोकसभा चुनाव बहिष्कार की घोषणा के बाद शिक्षणाधिकारी चिंतामन वंजारी ने ग्राम की स्कूल की सभी समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया था। जो अभी तक पूरा नहीं करने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया।

Created On :   24 Jun 2019 1:28 PM IST

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