भाजपा में गहराया टिकट का विवाद, वरिष्ठों ने विधायक को बताया शहर का मिजाज

Ticket controversy deepens in BJP, seniors told the MLA the mood of the city
भाजपा में गहराया टिकट का विवाद, वरिष्ठों ने विधायक को बताया शहर का मिजाज
शहर के कुछ वार्डों में भाजपा से पार्षद की टिकट को लेकर गरमाई राजनीति भाजपा में गहराया टिकट का विवाद, वरिष्ठों ने विधायक को बताया शहर का मिजाज

डिजिटल डेस्क,शहडोल। नगर पालिका शहडोल में टिकट वितरण से पहले कुछ दावेदारों के नाम को लेकर भाजपा में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल विवाद की शुरुआत रविवार को आयोजित कोर कमेटी की बैठक से हुई, जब शहर विधायक जयसिंह मराबी ने शहडोल के एक वार्ड से पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा (डोली) के नाम पर सहमति जता दी। विधायक द्वारा नाम पर सहमति जताने की जानकारी बाहर आने के साथ ही पार्टी के कई वरिष्ठ नेता रविवार देरशाम विधायक से मीटिंग की और उन्हे शहर का मिजाज बताया।

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अनुपम अनुराग अवस्थी, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश जगवानी, आरपी त्रिपाठी, गिरधर प्रताप सिंह, राजेंद्र भारती व कैलाश तिवारी सहित दूसरे वरिष्ठों ने विधायक को बताया कि शहर में भाजपा की परिषद बनाने के साथ ही यह भी जरुरी है कि भ्रष्टाचार मुक्त नगर पालिका की छवि बनी रहे। भाजपा जिलाध्यक्ष क्या इतने कमजोर पड़ गए हैं कि कोई किसी वार्ड में दूसरे प्रत्याशी को जिताने का दावा करता है और उसकी बातों में आकर नाम जोड़ देते हैं। बताया जा रहा है कि कोर कमेटी की बैठक में चर्चा इस बात की भी रही कि जब टिकट के लिए आवेदन नहीं आया तो कोर टीम की सूची में डोली का नाम कैसे जुड़ गया। पूर्व के कार्यकाल में नालंदा से लेकर डिवाइडर निर्माण व दूसरे मामलों मेें भ्रष्टाचार से पार्टी की छवि खराब होने की भी चर्चा हुई। इस दौरान पार्टी के वरिष्ठों ने कहा कि उम्मीदवार स्वच्छ छवि के होंगे तो और अच्छा होगा। इधर, इस पूरे मामले को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष कमल प्रताप सिंह ने कहा कि प्रवीण शर्मा ने मेरे को आवेदन दिया था। इसलिए नाम जोड़ दिया था।

-पार्टी से टिकट मिल रही है या नहीं यह तो संगठन तय करेगा। हमारी पूरी मंशा है कि जनता की सेवा पूर्व से करते आ रहे हैं और आगे सेवा के लिए चुनाव मैदान में उतरें। 
प्रवीण शर्मा डोली पूर्व नगरपालिका उपाध्यक्ष 

-डोली शर्मा पार्टी के कार्यकर्ता हैं, इसी नाते हमने सहमति जताई। टिकट देना नहीं देना जिलाध्यक्ष के उपर है। यह संगठन और परिवार का मामला है। किसी को बैठाना है तो प्रेम से बैठाया जाए। किसी को जोडऩा मुश्किल होता है, तोडऩा आसान है। 
जयसिंह मरावी विधायक

Created On :   13 Sept 2022 8:46 AM GMT

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