वर्षों से  नहीं हुआ औद्योगिक इकाइयों का सर्वे, बंद हुए उद्योगों का रिकार्ड तक नहीं

Survey of industrial units has not been done for years, there is no record of closed industries
वर्षों से  नहीं हुआ औद्योगिक इकाइयों का सर्वे, बंद हुए उद्योगों का रिकार्ड तक नहीं
रोजगार पर चोट वर्षों से  नहीं हुआ औद्योगिक इकाइयों का सर्वे, बंद हुए उद्योगों का रिकार्ड तक नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र में लघु-मध्यम व बड़े उद्योगों को विकसित करने के लिए राज्य व केंद्र सरकार द्वारा कई योजनाएं शुरू की गई हैं। जिला उद्योग केंद्र के जरिए इन औद्योगिक इकाइयों को पोषित करने व आवश्यकता के अनुरूप सहयाेग करने का दावा किया जाता रहा है। विशेष उद्योगों को संचालित करने पर निवेश की गई रकम के 70 से 80 फीसदी सब्सिडी के रूप में दी जाती है। इन सबके बावजूद राज्य में औद्योगिक इकाई स्थापित करने में उद्योगपतियों व नए उद्योजकों के पसीने छूट जाते हैं। इसका कारण न सिर्फ तरह-तरह की कानूनी जटीलताएं हैं बल्कि कई विभाग उद्योग शुरू करने की राह में रोड़ा भी बने हुए हैं। नए उद्योग शुरू नहीं होने से इसकी सीधी मार बेरोजगारों पर पड़ रही है, वे रोजगार के नए जरिए तलाश नहीं कर पा रहे हैं। 

रिकार्ड में बंद इकाई भी है शुरू

दूसरी ओर विभाग में कितनी औद्योगिक इकाइयां शुरू हैं, व कितनी बंद हैं, इसका ब्योरा ही जिला उद्योग केंद्र के पास उपलब्ध नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक पिछले 10 वर्ष से औद्योगिक इकाइयों का सर्वेक्षण नहीं होने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। 10 वर्ष में कई औद्योगिक इकाइयां बंद हो चुकी हैं लेकिन प्रत्यक्ष सर्वेक्षण नहीं होने से रिकार्ड में इनका अस्तित्व बरकरार है। इस तरह बंद औद्योगिक इकाइयों को सरकारी सुविधाओं का लाभ अब भी प्रदान किया जा रहा है, जिसकी वजह से राज्य व केंद्र शासन को भारी नुकसान पहुंच रहा है।

आवश्यकता पड़ने पर करते हैं सर्वेक्षण

जिला उद्योग केंद्र द्वारा विभाग की चुनिंदा इकाइयों का सर्वेक्षण कर उनकी औद्योगिक गतिविधियों का पता लगाने का प्रयास किया जाता है। यह सर्वेक्षण भी तब होता है जब प्रशासनिक स्तर पर इसकी आवश्यकता पड़ती है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कुछ चुनिंदा औद्योगिक क्षेत्र का सर्वेक्षण कर यह पता लगाने का भी प्रयास किया जाता है कि संबंधित क्षेत्र में कितनी इकाइयां शुरू हैं। बंद इकाइयों का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण जरूरी है, जो पिछले 10 वर्ष से नहीं किया गया है। 

हो रही परेशानी

शहर के एक उद्योजक का कहना है कि नागपुर विभाग के अंतर्गत आैद्योगिक सर्वेक्षण नहीं होने से वर्तमान में शुरू औद्योगिक इकाइयों की संख्या बता पाना बेहद मुश्किल है। औद्योगिक इकाइयां शुरू होने या बंद होने संबंधी ब्योरा जिला उद्योग केंद्र के पास ही रहता है।

सर्वेक्षण की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की

गजेंद्र भारती, उद्योग सह-संचालक के मुताबिक पिछले 10 वर्ष से विभाग में औद्योगिक सर्वेक्षण नहीं हुआ है, जिसकी वजह से यह बता पाना मुश्किल है कि विभाग में कितनी औद्योगिक इकाइयां शुरू या बंद हैं। एक अनुमान के अनुसार 450 बड़ी इकाइयां शुरू हैं और इनमें 90 हजार करोड़ का निवेश किया गया है। औद्योगिक इकाइयों की वर्तमान स्थिति का ब्योरा प्राप्त करने के लिए सर्वेक्षण करना जरूरी है।  इस तरह के सर्वेक्षण की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है।

 

Created On :   20 Feb 2023 7:36 PM IST

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