ब्लड कैंसर से जूझ रही मासूम बेटी को स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दिया सहारा

Star Health Insurance Company did not give support to innocent daughter battling blood cancer
ब्लड कैंसर से जूझ रही मासूम बेटी को स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दिया सहारा
जिम्मेदार नियमों का हवाला देकर कर रहे गोलमाल ब्लड कैंसर से जूझ रही मासूम बेटी को स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने नहीं दिया सहारा

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमित को किस तरह से परेशान करना है और किन कारणों को बताकर क्लेम रिजेक्ट करना है यह पूरा खाका क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम ने बनाकर रख लिया है। किसे क्लेम देना है और किसे नहीं यह पूरा ऊपर से ही बीमा कंपनी ने तय करके भेज दिया है। निर्धारित मापदंडों का हवाला देते हुए सभी बीमित को कैशलेस के लिए पहले बीमा कंपनी अस्पतालों को मना करती है और उसके बाद जब बीमित इलाज कराकर बीमा कंपनी में भुगतान के बिल सबमिट करते हैं तो उसमें अनेक जानकारी माँगी जाती हैं। सारी जानकारी मिलने के बाद बीमा कंपनी उनके क्लेम को रिजेक्ट कर देती है। कई मामलों में तो पुरानी बीमारी का हवाला देकर नो क्लेम किया जा रहा है। बीमितों का कहना है कि बीमा कंपनियों के जिम्मेदारों के विरुद्ध जालसाजी का मामला दर्ज होना चाहिए।

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चार साल से बेटी को देते आ रहे पॉलिसीधारक प्रीमियम राशि

शिव नगर दमोहनाका रोड निवासी धीरज रैकवार ने अपनी शिकायत में बताया कि पति-पत्नी के नाम पर स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का स्वास्थ्य बीमा कराते हुए आ रहे हैं। बेटी का जन्म होने के बाद पॉलिसी में नाम दर्ज करवा दिया गया था और बेटी का भी चार साल से प्रीमियम देते आ रहे हैं। बेटी धनवी रैकवार 4 वर्ष की अचानक तबियत खराब हो जाने के कारण मुंबई के निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वहाँ चैक कराने पर खुलासा हुआ कि बेटी को ब्लड कैंसर है और उसका पूरा इलाज कराना पड़ रहा है। वहाँ पर बीमा कंपनी का कैशलेस कार्ड दिया गया तो बीमा कंपनी ने कैशलेस करने से इनकार कर दिया। पॉलिसीधारक का कहना है कि बेटी का ब्लड कैंसर से संबंधित इलाज पिछले चार साल में किसी तरह का नहीं हुआ। जब बेटी पैदा हुई थी उस वक्त शिकायत आई पर उसके बाद किसी तरह की शिकायत नहीं आई और न ही किसी तरह का इलाज कराया गया। बीमा कंपनी ने कई तरह के नियमों का हवाला देकर बेटी के इलाज में किसी तरह की मदद करने से इनकार कर दिया, वहीं बीमा कंपनी के प्रतिनिधि का कहना है कि ब्लड कैंसर की बीमारी पॉलिसी लेते वक्त छुपाई गई थी, जबकि एक माह की जब बेटी थी उस वक्त कैंसर का इलाज हुआ है। पॉलिसी के नियम के अनुसार किसी भी तरह का सहयोग बीमा कंपनी नहीं दे सकती है।
 

Created On :   12 July 2022 5:28 PM IST

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