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कमीशन की भेंट चढऩे को तैयार स्कूल कंटरजेंसी मद
डिजिटल डेस्क, मोहन्द्रा । गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकारी स्कूलों को हर वर्ष करोड़ों रुपए का बजट मुहैया कराया जाता है पर इस राशि का सदउपयोग होने की बजाय यह राशि कमीशन की भेंट चढ़ रही है। ताजा मामला पवई विकासखंड अंतर्गत आने वाले संकुल केंद्र कुंवरपुर से जुड़ा है। जहां कथित तौर पर स्कूल के सीएससी व बीआरसी द्वारा माध्यमिक व प्राथमिक शालाओं के प्रधान अध्यापकों को अग्निशमन यंत्र, खेल सामग्री, टीएलएम सामग्री, पुरस्कार सामग्री व स्टेशनरी इत्यादि सामग्री के कुल 14253 रुपए की राशि वाले बिल कटनी की शुभंग इंटरप्राइजेस व विजयराघवगढ़ की विश्वकर्मा ट्रेडर्स एंड स्टेशनरी से खरीदना दिखाकर बीआरसी कार्यालय में जमा करने कहा गया है। सवाल उठता है खरीद-फरोख्त के इन बिल से किस के आर्थिक स्वार्थ सध रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इस समय बीआरसी कार्यालय में कमीशन खोरी का खुला खेल चल रहा है। यही नहीं स्कूल में रंगाई-पुताई सहित शेष सामग्री के बिल स्वीकृत करने की एवज में कथित तौर पर कमीशन की भी मांग की जा रही है। अपने अधिकारियों के खिलाफ माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक खुलकर तो कुछ बोलने को तैयार नहीं है पर महकमे में इसका खासा विरोध है। मजेदार बात यह है कि आधे से ज्यादा सामान बगैर खरीदे पूरी राशि निकाल लेने के घोटाले की अगर जांच हो भी हो गई तो इसमें घोटाले के मास्टरमाइंड बीआरसी कार्यवाही से बच निकलेंगे। क्योंकि कथित तौर पर सीएसी ने दबाव डालकर माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय में एसएमसी इस बात का सत्यापन करा लिया है कि जो सामान उन्हें प्राप्त नहीं हुआ वह उन्होंने कटनी और विजयराघवगढ़ कि इन दुकानों से खरीद लिया है। गौरतलब है कि शासन पहले यह राशि शाला प्रबंधन समिति के खाते में सीधे स्थानांतरित कर देता था लेकिन आईएफएस से जुड़ जाने के कारण इस बार यह राशि संबंधित सेवा प्रदाता के खाते में डाली जाएगी और यहीं से अधिकारियों को कमीशन खाने का मौका मिल गया है।
इनका कहना है
""विद्यालय प्रबंधन समिति ने सत्यापित बिल भेजा है हमने यह जांच नहीं कराई कि इन लोगों ने सामान खरीदा है कि नहीं। जांच कराएंगे जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई करेंगे।""
Created On :   29 March 2022 11:26 AM IST