बरसात पूर्व कच्चे घरों की मरम्मत का काम जारी

Repair work of kutcha houses continues before rainy
बरसात पूर्व कच्चे घरों की मरम्मत का काम जारी
मोहन्द्रा बरसात पूर्व कच्चे घरों की मरम्मत का काम जारी

डिजिटल डेस्क, मोहन्द्रा । जब पक्के मकानों का चलन नहीं था तो अधिकांश आबादी खासकर ग्रामीण इलाकों में कच्चे खपरैल मकानों के अंदर ही रहती थी। मौसम के लिहाज से मिट्टी से बने कच्चे मकान ठंडी में गर्म व गर्मियों में ठंडक देने के साथ.साथ पर्यावरण के अनुकूल भी थे। वैज्ञानिक युग में पक्के मकानों का चलन बढ़ा तो साथ-साथ प्रदूषण भी बढ़ा। कुछ साल पूर्व तक मोहन्द्रा में करीब दर्जन भर स्थानों में कच्चे मकान के ऊपर छाया देने के लिए खप्परों के भट्टे लगे मिल जाते थे। जिनकी जगह अब पक्के मकान में लगने वाली ईंटों ने ले ली है। अपने खपरैल की मरम्मत कर रहे मकान के मुखिया ने इस संवाददाता  को बताया कि पर्याप्त मैदान होने के कारण वे कच्चे घर में रहने के मोह से मुक्त नहीं हो पा रहे हैं। पीछे पक्का बना लिया है पर मौसम के लिहाज से कच्चे घर का कोई मुकाबला नहीं। पक्का मकान समाज में प्रतिष्ठा और दिखावा को भले बढ़ावा देता हो पर कच्चे घर की जगह कहीं नहीं ले सकता है। 

Created On :   16 Jun 2022 2:47 PM IST

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