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अब यूनिवर्सिटी के लिए जरूरी नहीं 'आईयूएमएस'
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के सभी गैर कृषि विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन कामकाज के लिए प्रस्तावित इंटीग्रेटेड यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम (आईयूएमएस) प्रणाली पर नई सरकार ने अपना मत बदल लिया है।
अब तक सभी गैर कृषि विश्वविद्यालयों को यह प्रणाली अपनाना अनिवार्य किया गया था, लेकिन गुरुवार को राज्यपाल कार्यालय द्वारा आयोजित कुलगुरुओं की बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने साफ किया कि, इस प्रणाली काे अपनाना पूरी तरह विश्वविद्यालयों का निर्णय होगा। इसकी अनिवार्यता रद्द करते हुए सरकार ने इसे स्वेच्छिक कर दिया है। उल्लेखनीय है कि, राज्य सरकार ने इस पर मंथन के लिए नागपुर यूनिवर्सिटी कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे की एक समिति ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें नई प्रणाली लागू होने पर होने वाली समस्याओं का जिक्र किया गया था।
पहले था अनिवार्य
पिछली सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए थे कि, वे अपने तकनीकी काम का जिम्मा आईयूएमएस को ही दें। इस संदर्भ में बीते दिनों कंपनी प्रतिनिधियों और विवि के मैनेजमेंट काउंसिल सदस्यों की बैठक हुई थी। नागपुर विश्वविद्यालय कंपनी को काम सौंपने के प्रति आश्वस्त नहीं था। अधिकारियों को शक था कि, बड़े पैमाने पर फैले विवि के कामकाज, उसकी जटिलता और विविधता को हल करने में नई कंपनी कामयाब होगी ।
ऐसे में यूनिवर्सिटी ने इस फैसले को होल्ड पर रखा था। फिलहाल नागपुर विश्वविद्यालय में तकनीकी कामकाज संभालने का जिम्मा चार कंपनियों को दिया गया है। परीक्षा संबंधी काम प्रोमार्क कंपनी को, वित्त से संबंधित काम-काज टीएम नेटवर्क को, कॉलेज विभाग का काम लैंबरेम कंपनी तथा अन्य सभी तकनीकी काम का जिम्मा सॉफ्ट पॉलिनोमियल्स को दिया गया है। राज्य सरकार का निर्णय लागू होने के बाद यह सारा काम आईयूएमएस के जरिए किया जाने वाला था।
Created On :   7 Feb 2020 8:34 AM GMT