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भीमा-कोरेगांव मामले की जांच करेगा एनआईए, राऊत बोले- आंदोलन करने वाले नक्सली नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत ने भीमा-कोरेगांव मामले की जांच केंद्र सरकार द्वारा नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का विरोध करते हुए कहा कि आंदोलन करने वाले नक्सली नहीं है। संविधान के दायरे में रहकर आंदोलन करने व बोलने का अधिकार सभी को है। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि यलगार परिषद नक्सल आंदोलन नहीं है। आंदोलन करने से कोई नक्सली नहीं होता।
संविधान ने सभी को दायरे में रहकर आंदोलन करने व बोलने का अधिकार दिया है। केंद्र सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। राज्य सरकार को पूछे बगैर भीमा-कोरेगांव मामले की जांच एनआईए को सौंप दी, जो सरासर गलत है। कानून-व्यवस्था राज्य का मुद्दा है। संविधान का हनन करने का काम केंद्र सरकार कर रही है। भीमा-कोरेगांव मामले की जांच एसआईटी से करने की मांग मुख्यमंत्री से की गई है। सरकार इस पर विचार कर रही है।
बिजली कर्मचारियों की पिटाई
पुलिस बंदोबस्त न लेते हुए बकाया बिल की वसूली के लिए निकले बिजली कर्मचारियों की लगातार हो रही पिटाई पर मंत्री डा. राऊत ने कहा कि बिजली कर्मचारियों की पिटाई न हो, इसके लिए नियोजन चल रहा है। विभाग के अधिकारी इस पर विचार करेंगे। पुलिस बंदोबस्त लेने पर भी विचार हो सकता है। गृह विभाग के बाद सबसे ज्यादा स्टाफ बिजली कंपनियों के पास है। फिलहाल विभाग में नई भर्ती की योजना नहीं है। ऊर्जा विभाग भयंकर कर्ज में होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह भाजपा की देन है। 9 लाख करोड़ का कर्ज पिछली सरकार हमें दे गई है।
डीपीसी : 125 करोड़ का इजाफा संभव
पालकमंत्री डा. नितीन राऊत ने बताया कि जिला नियोजन समिति (डीपीसी) के लिए पहले की अपेक्षा 125 करोड़ से ज्यादा निधि का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। फिलहाल जिले की डीपीसी 525 करोड़ है। इसे 652 करोड़ से ज्यादा करने का प्रस्ताव है। 2019 तक डीपीसी की 80 फीसदी से ज्यादा राशि योजनाआें पर खर्च हो चुकी है। मनपा स्कूलों की अवस्था सुधारने के साथ ही उन्हें अंग्रेजी माध्यम में शुरू करने पर जोर दिया जाएगा।
Created On :   25 Jan 2020 6:53 PM IST