Nagpur News: याचिकाकर्ताओं ने ही किया अवैध निर्माण, हाई कोर्ट ने लगाया जुर्माना

याचिकाकर्ताओं ने ही किया अवैध निर्माण, हाई कोर्ट ने लगाया जुर्माना
  • बाभुलखेड़ा में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण
  • बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने जनहित याचिका खारिज कर दी

Nagpur News कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं का ही जमीन पर अवैध निर्माण पाए जाने पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने जनहित याचिका खारिज कर दी है।

शहर के ओंकार नगर चौक से शताब्दी चौक तक रिंग रोड से लगे बाभुलखेड़ा में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का यह मामला है। इस मामले में याचिकाकर्ताओं पर जुर्माना लगाने का आदेश कोर्ट ने दिया है। हाई कोर्ट में मंगला वाकोडे व अन्य लोगों की 2022 से जनहित याचिका लंबित है। इस पर मंगलवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी ने यह फैसला सुनाया।

यह है मामला : जनहित याचिका में मौजा बाभुलखेड़ा में सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इस मामले में बार-बार आदेश देने के बावजूद कोई निर्णय नहीं हुआ, इसलिए पिछली सुनवाई में न्यायालय ने नगर विकास विभाग को कड़ी फटकार लगाई थी। साथ ही कुछ अतिक्रमण धारकों की अपील की प्रगति के बारे में प्रधान सचिव को शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया था। अगली तारीख तक शपथ पत्र दाखिल नहीं करने पर अवमानना की कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी न्यायालय ने दी थी। इसके बाद प्रधान सचिव ने अतिक्रमण धारकों की अपील खारिज करने की जानकारी न्यायालय को दी थी। इसके बाद नासुप्र ने शताब्दी चौक रिंग रोड की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने की जानकारी दी थी।

नासुप्र ने यह दिया तर्क : इस मामले में दो प्लॉट्स के मुद्दे पर अपील में सुनवाई थी। प्रधान सचिव द्वारा अपील खारिज करने की जानकारी नासुप्र की ओर से आज दी गई। नासुप्र ने बताया कि, यह जमीन रिंग रोड के किनारे है। याचिकाकर्ताओं ने भी आवासीय जमीन का व्यावसायिक निर्माण के लिए उपयोग किया है। याचिकाकर्ताओं ने बिना अनुमति अवैध निर्माण किया है। जिन प्लॉट्स पर बांधकाम को लेकर याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई थी, यदि वे बांधकाम हटाए गए, तो याचिकाकर्ताओं की दुकानें सीधे रिंग रोड से सट जाएंगी, जिससे उन्हें व्यावसायिक लाभ होगा, इसलिए यह जनहित याचिका नहीं है, ऐसा तर्क नासुप्र ने दिया।

कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई : अतिक्रमण धारकों पर आपत्ति जताने वाले याचिकाकर्ताओं द्वारा खुद अवैध निर्माण करने का मामला सामने आने पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को जमकर फटकार लगाई। कहा- "आप जो कहना चाहते हैं, हम सुनेंगे, आपको अवसर देंगे, लेकिन जुर्माना लगेगा, यह तय है। जुर्माने की राशि बाद में तय करेंगे। इन मौखिक शब्दों में कोर्ट ने नाराजगी जताते हुई उक्त आदेश जारी किया। इस मामले में नासुप्र की ओर से एड. संगीता जाचक, मनपा की आेर से एड. सुधीर पुराणिक, राज्य सरकार की ओर से एड. दीपक ठाकरे और याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. तुषार मंडलेकर ने पैरवी की।


Created On :   23 April 2025 12:52 PM IST

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