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स्मार्ट सिटी : बिना मुआवजा अधिगृहीत की जा रही जमीन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व नागपुर में स्मार्ट सिटी के लिए जमीन का 5 गुना मुआवजा देने का मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था। अब भूमि अधिग्रहण कानून 1960 अंतर्गत जमीन मालिकों को नोटिस थमाए जा रहे हैं। इस कानून अंतर्गत मुआवजा देने का प्रावधान नहीं रहने से नागरिकों को उनके घरों से बेदखल करने का डर सता रहा है। पूर्व नागपुर कांग्रेस कमेटी ब्लॉक-2 के अध्यक्ष अनिल पांडे ने इस विषय पर श्वेतपत्र जारी करने की सरकार से मांग की है। पूर्व नागपुर के मौजा भरतवाड़ा, पुणापुर, पारडी, भांडेवाड़ी में बरसों से बस्ती बसी है। इस परिसर को स्मार्ट सिटी के दायरे में लाया गया है। बस्ती को विकसित करने की योजना है। स्मार्ट सिटी के लिए जमीन का 5 गुना मुआवजा देने मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था। मुआवजा मिलने की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ी है। अब मकान मालिकों को भूमि अधिग्रहण 1960 के अनुसार नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इस नियम में मुआवजे का प्रावधान नहीं रहने से परिसर के नागरिकों की नींद हराम हो गई है। जिस घर में बरसों से रह रहे हैं, उसे बनाने के िलए खून-पसीने की कमाई लगा दी। अब उससे बेदखल हाेने की नौबत आ गई है। घर से बेदखल होने पर सिर कहां छिपाए, इस चिंता में डूब गए हैं।
श्वेतपत्र जारी करें
स्मार्ट सिटी को पहले नागरिकों ने विरोध किया था। मुख्यमंत्री से 5 गुना मुआवजा मिलने का आश्वासन मिलने पर दूसरी जगह बसने का मन बनाकर जमीन देने के लिए तैयार हो गए। भूमि अधिग्रहण कानून 1960 अंतर्गत नोटिस मिलने से उनका भ्रमनिरास हो गया है। नागरिकों का भ्रम दूर करने की राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। स्थिति साफ करने के िलए श्वेतपत्र जारी करने की मांग की गई है। अन्यथा अनिल पांडे ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी है।
Created On :   10 Aug 2019 4:15 PM IST