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मिलावटखोरों पर नकेल कसना तो दूर, मीटिंग तक लेने की विभाग को समय नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। 6 जिले व 58 तहसील के खाद्य सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाला अन्न औषधि विभाग कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। इस कारण वह लक्ष्य भी पूरा नहीं कर पा रहा है। परिणामस्वरूप खाद्य पदार्थ की ठीक से जांच नहीं हो रही है और उसके असुरक्षित होने की आशंका पैदा हो रही है। नागपुर अन्न औषधी विभाग का काम खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकना व असुरक्षित खाद्य पदार्थ बेचनेवालों पर कार्रवाई करना है, लेकिन वर्षों से कर्मचारी से लेकर अधिकारियों की संख्या नहीं बढ़ने, लेकिन हर दिन काम बढ़ते जाने से विभाग अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहा है। अप्रैल 2019 से अब तक विभाग को 440 कार्रवाई करना था, लेकिन अभी तक 279 कार्रवाई ही हो पाई है। इसके अलावा छापामार कार्रवाई के केवल 5 मामले ही उपरोक्त अवधि में किए गए हैं। खाद्य पदार्थों की सुरक्षा के लिए स्कूल, कॉलेज आदि में मुलाकात करना जरूरी है, लेकिन अभी तक एक भी मीटिंग नहीं हुई है।
41 लाख लोगों के पीछे केवल 10 अधिकारी
ठीक से स्वास्थ्य सुविधाएं संभालने के लिए 50 हजार जनसंख्या के पीछे एक फूड इंस्पेक्टर अपेक्षित है, लेकिन लेकिन वर्तमान स्थिति में अन्न व औषधि विभाग के हाल खराब है। नागपुर जिले में 41 लाख लोगों के पीछे केवल 10 अधिकारी काम कर रहे हैं, जबकि जरूरत 82 अधिकारियों की है। नई नियुक्ति नहीं होने से 4 लाख कर्मचारी के पीछे एक अधिकारी को काम करना पड़ रहा है। कार्रवाई में कोताही से लेकर स्वास्थ्य सुविधाएं संभालना मुश्किल पड़ रहा है।
इतनी है जिम्मेदारी
वर्तमान स्थिति में विभाग के कंधों पर 6 जिले हैं। इसमें 58 तहसील में 8 हजार 2 सौ 42 गांव आते हैं। 3 हजार 712 नगर परिषद हैं। 3 हजार से ज्यादा निजी व सरकारी अस्पताल हैं।
एक महीने में 5 सौ से ज्यादा रजिस्ट्रेशन
एफडीए की जिम्मेदारी हर दिन बढ़ रही है। यह हम नहीं आंकड़े कह रहे हैं। जुलाई माह में 571 नए पंजीयन हुए हैं। वहीं 98 को लाइसेंस दिया गया है। इससे पहले पंजीयन मिलाकर कुल 17 सौ 89 छोटे व्यवसायी व 520 बड़े व्यापारी एफडीए के जिम्मे हैं।
Created On :   5 Sept 2019 1:24 PM IST