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वन भूमि के पट्टों से वंचित हैं नचने के किसान
डिजिटल डेस्क, सलेहा । प्रदेश सरकार द्वारा वन भूमि में काबिज किसानों को वन अधिकार पट्टे देने के आदेश विगत वर्ष जारी किए गए थे जिसके तहत जिला प्रशासन द्वारा टीम बनाकर सर्वे करने का निर्देश जारी किया गया था। जिसमें स्थानीय वन विभाग राजस्व विभाग एवं ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा उक्त वन भूमि में काबिज किसानों का सर्वे कर आवेदन फार्म भरे गए थे। जनपद पंचायत गुनौर अंतर्गत ग्राम नचने में लगभग 200 से 250 किसानों के आवेदन भरे गए। उक्त किसान विगत कई वर्षों से लगातार वन भूमि पर कृषि कार्य कर अपने परिवार का उदर-पोषण कर भूमि का रखरखाव किए हुए हैं। जिनके आवेदन स्थानीय प्रशासन द्वारा राजस्व विभाग गुनौर में जमा किए गए थे। जिसके तहत प्रशासन द्वारा नचने ग्राम में लगभग एक सैकड़ा वन भूमि में काबिज पट्टेधारियों को वन अधिकार पत्र का वितरण कार्य विगत में किया गया था लेकिन शेष काबिज पट्टों का वितरण अभी तक नहीं किया गया। नचने ग्राम के ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि नचने ग्राम के कुछ कृषकों के पट्टे वितरण कर दिए गए हैं लेकिन हमारे गांव के सैकड़ों किसान आज भी वन भूमि में काबिज होकर उस पर खेती का काम कर रहे हैं लेकिन प्रशासन द्वारा वन अधिकार पत्र अभी तक नहीं दिया गया है। जिसकी जानकारी हमारे द्वारा पूर्व में जिला प्रशासन एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को गई थी लेकिन उन्हें पट्टों का वितरण नहीं किया गया। जिला प्रशासन को चाहिए कि विगत समय से लंबित पड़े हुए आवेदनों की जांच कराकर शेष कृषकों को भी वन अधिकार के पट्टे दिए जाएं जिससे वह अपने कृषि कार्य कर अपने परिवार का उधर पोषण कर सके तथा शासन से मिलने वाली कृषकों की योजनाओं का वन भूमि में काबिज आदिवासी समाज के लोग भी उसका लाभ ले सके अगर उन किसानों को पट्टों का वितरण नहीं किया जाता तो वह शासन की शासकीय योजनाओं से वंचित रह जाएंगे।
Created On :   13 Jun 2022 4:54 PM IST