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निजी संस्थाओं के साथ मिलकर मनपा खोलेगी अंग्रेजी स्कूल, 2.66 करोड़ मंजूर
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। सीबीएसई और अन्य केंद्रीय पाठ्यक्रमों के कारण बंद हो रहे मनपा स्कूलों को बचाने के लिए मनपा ने बड़ा निर्णय लिया है। नागपुर महानगरपालिका अब अंग्रेजी माध्यम के स्कूल शुरू करेगी। निजी संस्थाओं के माध्यम से इन स्कूलों को शुरू किया जाएगा। प्रत्येक विधानसभा में एक-एक अंग्रेजी स्कूल खोलने का निर्णय लिया है, यानी शहर में 6 अंग्रेजी के स्कूल खुलेंगे। इस बाबत सोमवार को मनपा की आमसभा में प्रस्ताव मंजूर किया गया है। इसके लिए 2.66 करोड़ रुपए की निधि को मंजूरी प्रदान की गई है। इसी तर्ज पर मनपा के मराठी व हिंदी स्कूलों को भी संवारा जाएगा। शहर में जी.एम. बनातवाला मनपा का एकमात्र अंग्रेजी स्कूल है। इस स्कूल में हर साल विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है। इसके विपरीत, मराठी व हिंदी माध्यम के स्कूलों में बच्चे घट रहे हैं। विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षकों को घर-घर जाना पड़ रहा है। इस दौरान पालक अंग्रेजी स्कूल का आग्रह कर रहे हैं। पालकों का अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों पर जोर है। पालकों का रुझान देखते हुए मनपा ने भी अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों को शुरू करने पर जोर दिया है। नर्सरी से शुरू करने की तैयारी है। हालांकि, निजी संस्था की मदद से महानगरपालिका की अंग्रेजी माध्यम से स्कूलों को शुरू किया जाएगा।
किया गया दावा
दावा किया गया कि निजी संस्थाओं की मदद से अंग्रेजी स्कूलों को शुरू करने से मनपा के स्कूलों में शिक्षा का दर्जा बढ़ेगा। बच्चों को दर्जेदार शिक्षा दी जा सकेगी। शहर के छह विधानसभा क्षेत्र में अंग्रेजी स्कूल शुरू किए जाएंगे। स्कूलों के लिए बुनियादी सुविधा, शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को वेतन खर्च, पाठ्यपुस्तकें, गणवेश, पोषण आहार, परिवहन व्यवस्था, खिलौने, डिजिटल कक्षाएं, फर्नीचर आदि के लिए 2 करोड़ 66 लाख रुपए के खर्च को सभागृह ने मंजूरी दी है। हर साल कक्षाएं वृद्धि अनुसार वेतन आदि पर अनुमानित 7 प्रतिशत अधिक खर्च को भी मंजूरी दी गई है। इसमें से 50 प्रतिशत खर्च मनपा व 50 प्रतिशत खर्च संबंधित निजी संस्था करेगी। प्रस्ताव पर चर्चाओं के दौरान वरिष्ठ नगरसेवक दयाशंकर तिवारी, छोटू भोयर, प्रकाश भोयर, जितेंद्र घोडेस्वार ने हिस्सा लिया।
मनपा के 100 स्कूल बंद
सीबीएसई व अन्य केंद्रीय बोर्ड की चुनौतियों के कारण मनपा के स्कूल पिछले कुछ वर्षों से तेजी से बंद हुए हैं। 10 से 15 वर्ष में मनपा के करीब 100 स्कूल बंद हुए हैं। इसमें मराठी, हिंदी, उर्दू माध्यम के स्कूल शामिल हैं। बंद स्कूलों में से 35 स्कूलों की इमारतें खाली पड़ी हैं। इसके विपरीत जी.एम. बनातवाला स्कूल में बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ी है। यह स्कूल नर्सरी से लेकर 10वीं तक है।
नए शिक्षकों की नियुक्ति आवश्यक
मनपा में अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षक कम हैं। इसलिए नए शिक्षकों की नियुक्ति करना आवश्यक है। मनपा का निजी संस्थाओं के माध्यम से अंग्रेजी स्कूलों का प्रस्ताव शिक्षा विकास की दिशा में उत्तम कदम है। इसी तर्ज पर मराठी व हिंदी स्कूलों को भी शुरू किया जाए। पहली से चौथी तक कक्षाएं निजी संस्था को चलाने के लिए दी जाएं। शिक्षकों का वेतन मनपा देगी। जिस कारण मराठी स्कूल फिर से जीवित होंगे। - दयाशंकर तिवारी, वरिष्ठ नगरसेवक
Created On :   21 Jan 2020 10:48 AM IST