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डॉक्टर, इंजीनियर, वकील देने वाले स्कूलों में लटक रहे ताले, जर्जर इमारतों पर नहीं ध्यान
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। विद्यार्थी संख्या घटने से मनपा का स्कूल बंद करने का सिलसिला जारी है। एक समय देश को डॉक्टर, इंजीनियर, वकील देने वाले स्कूलों में आज ताले लटक रहे हैं। स्कूलों की इमारतों को अपने हाल पर छोड़ दिए जाने से जर्जर हो चुकी है। खाली पड़ी इमारतों का अवैध उपयोग हो रहा है। ऐसे ही नारा उच्च प्राथमिक स्कूल की इमारत का हाल है। इस इमारत में कामगारों ने डेरा जमाया है। खुली जगह पर परिसर के लोग वाहन खड़े करने के िलए इस्तेमाल कर रहे हैं। स्कूल बंद होने से बस्ती के बच्चे शिक्षा के प्रवाह से दूर हो गए हैं। इमारत में अवैध कब्जा करने वालों को हटाकर स्कूल पूर्ववत शुरू करने की परिसर के नागरिकों ने मांग की है।
नारा उच्च प्राथमिक स्कूल में पहलीं से सातवीं कक्षा थी। परिसर में बच्चों के ज्ञानर्जन का यह एकमात्र केंद्र रही। िवद्यार्थी संख्या कम होने का हवाला देकर स्कूल को बंद किया गया। इससे गरीब बच्चों के िशक्षा का केंद्र छीन गया। जो पालक आर्थिक रूप से सक्षम है, उन्होंने अपने बच्चों को अन्य स्कूलों में दाखिला दिला दिया। जिनकी आर्थिक हालत खस्ता है, उनके बच्चे शिक्षा से वंचित हो गए। स्कूल को ताला लगाकर मनपा ने दोबारा पलटकर भी नहीं देखा। मौके का फायदा उठाकर बस्ती में रोजगार के िलए आए कामगारों ने स्कूल में डेरा जमा लिया। मैदान का उपयोग बस्ती के लोग वाहन खड़े करने के िलए करने लगे।
स्कूल से सटकर एक दो मंजिला इमारत खड़ी की गई है। उस मकान मालिक ने स्कूल की जमीन को भी घेर लिया है। बगल से एक नाला बहता है। स्कूल के सामने वाला रास्ता चौड़ा कर कोराडी थर्मल पाॅवर स्टेशन से जोड़ा जा रहा है। स्कूल की जमीन पर धीरे-धीरे कब्जा किए जाने से स्कूल का अस्तित्व खतरे में आ गया है। गरीबों के अधिकार की स्कूल को बचाने के िलए मनपा से पूर्ववत शुरू करने की मांग भारतीय रिपब्लिकन परिषद के शहर अध्यक्ष असंघ रामटेके, िवजय घोंगले, एन. रंगा, ओमप्रकाश सोमकुंवर, मनोज बांगलकर, एड. पोटे, वेणु टाकलीकर, माया थोरात, ज्योत्सना मेश्राम आदि ने की है।
Created On :   26 Dec 2019 3:31 PM IST