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रक्तदान शिविर बंद होने से महाराष्ट्र में खून की कमी, सरकार ने जिलाधिकारियों को लिखा पत्र
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोराना वायरस के प्रकोप के चलते राज्य में रक्तदान शिविरों का आयोजन पूरी तरह से ठप हो गया है, इसके चलते राज्य में रक्त की कमी पैदा हो गई है। फिलहाल ब्लड बैंकों में केवल 10 दिन के लिए पर्याप्त रक्त हैं। अब रक्तदिन शिविर के आयोजन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने दिशा निर्देश तैयार किए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख छोटे रक्तदान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। कोरोना के प्रकोप के चलते पिछले 20 दिनों से रक्तदान शिविरों का आयोजन पूरी तरह ठप है। इसकी वजह से राज्य में रक्त की किल्लत पैदा हो गई है। मुख्यमंत्री उद्ध ठाकरे व स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने लोगों से रक्त दान की अपील की है। इस संदर्भ में सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेज कर रक्तदान शिविर का आयोजन करने के लिए अनुमित देने का कहा गया है।
राज्य की स्वास्थ्य निदेशक डा साधना तायडे ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि कोरोना के चलते पैदा हुई परिस्थित के चलते बड़े रक्तदान शिविरों का आयोजन बंद है। पर अब हमने रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए दिशा निर्देश तैयार किए हैं। इन रक्तदान शिविरों में एक बार में केवल पांच लोगों को ही रक्तदान के लिए बुलाया जाएगा। डा तायडे ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए छोटे-छोटे रक्तदान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। फिलहाल हमारे पास 10 से 12 दिनों तक के लिए रक्त उपलब्ध है।
रक्तदान के क्षेत्र में लंबे समय से कार्यरत रक्तहीतवर्धिनी सामाजिक संस्था के अध्यक्ष चंद्रशेखर शिंदे के अनुसार राज्य में रक्तदान से हर रोज कम से कम 4 से 5 हजार पैकेट रक्त संकलित होता था। इस लिहाज से सालाना 20 लाख पैकेट रक्त सभी ब्लड बैंक में एकत्र होते हैं। राज्य की जनसंख्या 13 करोड़ है जिसमें से 25 फीसदी लोग रक्तदान के लिए पात्र हैं। 18से 60 वर्ष की आयु तक रक्तदान किया जा सकता था। अब सरकार ने इसे बढ़ा कर 65 वर्ष कर दिया है। लेकिन शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, पीलिया व हृदय रोगी रक्तदान नहीं कर सकते। साथ ही कम होमोग्लोबिन वाली महिलाओं का रक्त भी नहीं लिया जाता।
Created On :   26 March 2020 7:45 PM IST