हड़ताली ग्रामसेवकों का काम संभालने का जिम्मा मुख्याध्यापकों पर, जिला परिषद का फरमान

Job of striking village servants is on the head teachers, zilla parishad
हड़ताली ग्रामसेवकों का काम संभालने का जिम्मा मुख्याध्यापकों पर, जिला परिषद का फरमान
हड़ताली ग्रामसेवकों का काम संभालने का जिम्मा मुख्याध्यापकों पर, जिला परिषद का फरमान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ग्रामसेवक 22 अगस्त से हड़ताल पर हैं। ग्रामसेवकों के हड़ताल पर चले जाने से ग्राम पंचायतों की व्यवस्था चरमरा गई है। इसे पटरी पर लाने के लिए जिला परिषद प्रशासन ने स्कूलों को मझधार में छोड़ जिला परिषद स्कूलों के मुख्याध्यापकों के कंधों पर ग्राम पंचायतों का कारोबार सौंपने का रास्ता अपनाया है। जिप सीईओ ने पंचायत समितियों के गट विकास अधिकारियों को इस संबंध में फरमान जारी किया है। जिला परिषद के कई स्कूलों में दो शिक्षक कार्यरत हैं। इसमें से एक शिक्षक पर ग्राम पंचायात का कारोबार सौंपे जाने से एक शिक्षक पर संपूर्ण स्कूल की जिम्मेदारी आ गई है। पहले से ही जिला परिषद स्कूल शैक्षणिक गुणवत्ता में पिछड़े हैं। अब शैक्षणिक कार्य छोड़ मुख्याध्यापकों पर ग्राम पंचायात का कारोबार सौंपे जाने से स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता और पिछड़ने का खतरा बढ़ गया है।

जिले की 13 तहसीलों में 768 ग्राम पंचायत है। सरपंच ग्राम पंचायत का प्रमुख होता है। कार्यालयीन कामकाज की जिम्मेदारी ग्रामसेवक संभालता है। ग्रामसेवकों को लागू की गई वर्ष 2005 नई पेंशन योजना रद्द करने, यात्रा भत्ते में वृद्धि, ग्रामसेवक पद रद्द कर ग्राम विस्तार अधिकारी का दर्जा देने, 15 हजार से अधिक जनसंख्या के ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा देने आदि मांगों को लेकर ग्रामसेवक हड़ताल कर रहे हैं। हड़ताल को 20 दिन हो गए, अभी तक सरकार ने उनकी मांगों का संज्ञान नहीं लिया है। ग्रामसेवकों की जिम्मेदारी मुख्याध्यपकों के कंधों पर सौंपकर सरकार आंदोलन की हवा िनकालना चाह रही है।

कई काम एक साथ करने होंगे

ग्राम पंचायत का कारोबार संभालने पर मुख्याध्यापकों शैक्षणिक कार्य छोड़ गांव में स्वच्छता का ध्यान रखना होगा। कुओं और बोरवेल तथा पानी के अन्य स्रोतों में ब्लिचिंग पाउडर डालकर पानी का क्लोरिनेशन करने, नालियों की साफ-सफाई, मच्छरों की पैदावार पर रोकथाम के िलए कीटनाशक का छिड़काव तथा नागरिकों को होने वाली अन्य परेशानियों की उपाययोजना करनी होगी। 

3 पंचायत समितियों में आदेश जारी

सीईओ के फरमान जारी करने पर मौदा, कलमेश्वर और भिवापुर पंचायत समिति के गट विकास अधिकारियों ने मुख्याध्यापकों को ग्राम पंचायतों का कारोबार संभालने के आदेश दिए हैं। अन्य सभी पंचायत समिति स्तर पर आदेश जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। 

इससे पहले आंगनवाड़ी में परोसा पोषण आहार

शैक्षणिक कार्य छोड़ शिक्षकों पर अन्य जिम्मेदारी सौंपने का सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है। हालांकि नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 29 के अनुसार शिक्षकों को जनगणना, प्राकृतिक आपदा तथा चुनाव से संबंधित कार्यों के अतिरिक्त अन्य जिम्मेदारी सौंपने की मनाई की गई है। इसके बावजूद समय-समय पर शिक्षकों पर अतिरिक्त कार्य लादने से सरकार बाज नहीं आ रही है। इससे पूर्व आंगनवाड़ी सेवकों के हड़ताल करने पर शिक्षकों पर पोषण आहार परोसने की जिम्मेदारी लादी गई थी। अब ग्रामसेवकों के हड़ताल पर चले जाने से ग्राम पंचायतों का कारोबार संभालने का अफलातून फरमान जारी किया गया है।

आदेश वापस लो, वरना छेड़ेंगे आंदोलन

अध्यापन कार्य छोड़ मन चाहे कार्यों में जुटाने के लिए शिक्षक बंधुआ मजदूर नहीं है। अन्य विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर जाने या कर्मचारी कम पड़ने पर शिक्षकों की सेवा ली जाती है। शैक्षणिक गुणवत्ता में पिछड़ जाने पर फिर शिक्षकों पर लापरवाही का लांछन लगाकर बदनाम किया जाता है। सरकार की दोमुंही भूमिका निंदनीय है। सरकार को यह आदेश वापस लेना चाहिए, अन्यथा तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।- लीलाधर ठाकरे, जिलाध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति, नागपुर
 

Created On :   11 Sept 2019 1:41 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story