संक्रामक बीमारियों ने घेरा, स्क्रब टाइफस के 15  और डेंगू के 16 मरीज मिलने से लोग दहशत में

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
संक्रामक बीमारियों ने घेरा, स्क्रब टाइफस के 15  और डेंगू के 16 मरीज मिलने से लोग दहशत में

डिजिटल डेस्क, अमरावती।  विगत एक माह से लगातार बारिश चलने के बाद मौसम के अचानक करवट बदलने से तापमान में इजाफा हुआ है। जिसका असर यह रहा कि परिसर में नागरिक संक्रामक बीमारियों के साथ ही उलटी, बुखार, सर्दी और खांसी के शिकार हो रहे हैं। इसी बीच ग्रामीण अस्पताल में स्क्रब टाइफस के 15 मरीजों पर इलाज किया जा रहा है। डेंगू से पीड़ित  16 मरीज वरुड़ सहित अमरावती व नागपुर के निजी अस्पतालों में उपचार ले रहे हैं। सरकारी अस्पताल के बाह्य रुग्ण विभाग में 800 से अधिक मरीज रोजाना कतार में लग रहे हैं। आंतर रुग्ण विभाग में 30 से 35 मरीजों पर इलाज चल रहा है। निजी अस्पतालों में भी मरीजों की भीड़ दिखाई दे रही है। अधिकतर छोटे बच्चे व बुजुर्गों को बीमारी अधिक जकड़ रही है। डेंगू व स्क्रब टाइफस के मरीज पाए जाने से परिसर में लोगों में दहशत देखी जा रही  है।

उल्लेखनीय है कि इस बार तापमान काफी अधिक रहा। वहीं मानसून लगते ही शुरुआती दौर में पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं हुई। किंतु अगस्त के अंतिम सप्ताह के साथ ही सितंबर में लगातार बारिश का सिलसिला चलता रहा और अचानक अब तापमान में बढ़ोतरी हुई है। जिससे मौसम के इस अचानक बदलाव के चलते संक्रामक बीमारियां पैर पसारने लगी है। मच्छरों की तादाद भी काफी बढ़ चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के साथ ही स्थानीय प्रशासन पर दखल नहीं लिए जाने का आरोप नागरिकों व्दारा किया जा रहा है। ग्रामीण व शहरी इलाके में जगह-जगह गंदगी का आलम है। देहातों में बड़े पैमाने पर घन कचरा जमा हुआ है। नागरिकों के साथ ही छोटे बच्चों को भी यह बीमारियां जकड़ रही है। इसी बीच तहसील में स्क्रब टाइफस के 15 व डेंगू के 16 मरीज पाए जाने से दहशत का माहौल बना हुआ हैै।

टंकियों में छोड़े गप्पी मछलियां

तहसील में मौसम के बदलाव के चलते सर्दी व खांसी तेजी से फैल रही है। किंतु व डेंगू व मलेरिया के मरीज भी पाएं जा रहे है। यह मरीज निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे है। इसलिए उनके संदर्भ में कुछ कहा नहीं जा सकता। सरकारी अस्पताल में भी मरीजों का इलाज किया जाता है। ग्रामीण इलाके में स्वच्छता के साथ ही एक दिन सूखा रखने व प्रतिबंधात्मक उपाय को लेकर जागरुकता फैलाई जा रही है। पानी की टंकियों में गप्पी में मछलियां छोड़ी जाएं, जिससे मच्छर की पैदावार नहीं होगी। इस मामले में स्थानीय प्रशासन ने भी दखल लेते हुए स्वच्छता अभियान शुरू रखना चाहिए। - डा. अमोल देशमुख, तहसील वैद्यकीय अधिकारी

Created On :   26 Sept 2019 11:02 AM GMT

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