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Amravati News: अमरावती जिले में हो गए 53 रेत घाट, दोगुना राजस्व से खनकेगी सरकारी तिजोरी

- ईसी मिलते ही एक वर्ष के लिए जिले के छोटे 33 रेत घाटों की नीलामी जल्द
- नई रेत नीति : एक नहीं बल्कि उपविभाग के सभी रेत घाट लेने होंगे एक ठेकेदार को
- 20 रेत घाटों का सर्वे निपटा, ईसी से दो वर्ष की अनुमति प्रक्रिया शुरू
Amravati News शासन की तिजोरी का वजन बढ़ाने के साथ ही रेत चोरी, तस्करी पर प्रतिबंध लगाने और उपलब्ध रेत भंडार का दस प्रतिशत ब्रॉस विभिन्न सरकारी घरकुल योजनाओं के लिए लाभार्थियों को नि:शुल्क दिए जाने के लिए लागू हुई नई रेत घाट नीति-2025 के अनुसार अमरावती जिले में प्रक्रिया तेज हो गई है। जिले के छोटे 33 रेत घाटों का सर्वे निपट गया है। अगले एक वर्ष के लिए एनवायरमेंट क्लीयरेंस (ईसी) मिलते ही 33 रेत घाटों की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जबकि इसी तरह जिले के 20 बड़े रेत घाटों को अगले दो वर्षों के लिए ईसी मिलते ही नीलामी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ईसी की प्रक्रिया चल रही है।
जिले में पहले 40 रेत घाट थे। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की पहल पर नई रेत नीति-2025 घोषित की गई। राजस्व व वन विभाग द्वारा 8 अप्रैल 2025 को नई रेत नीति की अधिसूचना जारी की गई। इस वर्ष नई रेत नीति के तहत 13 नए रेत घाट बढ़ गए हैं। इस तरह अब जिले में कुल 53 रेत घाटों की नीलामी से दोगुना राजस्व मिलेगा। वरुड़, दर्यापुर व भातकुली तहसील में यह नये रेत घाट बढ़े हैं। खनिकर्म विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार जिले में 40 रेत घाटों से शासन को लगभग 10 से 15 करोड़ का राजस्व मिलता था, लेकिन अब 53 रेत घाटों से 20 से 25 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की संभावनाएं हैं।
नई रेत नीति के अनुसार नीलामी के दौरान अब एक ठेकेदार को सिर्फ एक रेत घाट की बोली नहीं लगानी होगी। बल्कि उप विभाग के सभी रेत घाटों की बोली लगाना अनिवार्य होगा। पहले एक ठेकेदार द्वारा सिर्फ एक रेत घाट की बोली लगाकर आस-पास के रेत घाटों से भी रेत उत्खनन कर खनिज संपदा की चोरी करता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इसके उपाय के तौर पर ही नई रेत नीति के तहत नीलामी में उप विभाग के सभी रेतघाटों की बोली लगाना किसी एक संस्था अथवा ठेकेदार को अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं बल्कि प्रधान मंत्री आवास योजना, रमाबाई घरकुल योजना समेत शासन की सभी घरकुल योजनाओं के लाभार्थियों को रेतघाट पर उपलब्ध रेत भंडार में से दस प्रतिशत रेत (ब्रास के हिसाब से) नि:शुल्क देना भी अनिवार्य हो गया है। एसडीओ और तहसीलदार की सूची के अनुसार घरकुल के लाभार्थियों को यह नि:शुल्क रेेत दी जाएगी।
जिले में फेल हुई थी रेत डिपो नीति : इसके पहले रेत डिपो नीति जिले में लगभग नाकाम रही। धामणगांव-1, तिवसा-3, भातकुली-1 व अचलपुर-1 रेत डिपो शुरू हो पाए थे। इस तरह 7 में सिर्फ 6 रेत डिपो शुरू हुए थे। जिससे शासन के राजस्व को बड़ी चपत लगी। सरकारी आवास योजना के लाभार्थियों को भी मार्केट रेट से रेत खरीदने विवश होना पड़ रहा था।
Created On :   19 April 2025 2:29 PM IST