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तय प्रारूप में ही दे डिग्रियां, यूजीसी ने यूनिवर्सिटी को चेताया
डिजिटल डेस्क, नागपुर । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय सहित देशभर के सभी विश्वविद्यालयों और स्वायत्त संस्थाओं को चेतावनी दी है कि, वे यूजीसी द्वारा निर्धारित प्रारूप और मापदंडों के अनुरूप ही विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान करें। उल्लेखनीय है कि, देश के विविध विश्वविद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों को अलग-अलग प्रारूप में डिग्रियां प्रदान की जाती हैं, जिससे भविष्य में उच्च शिक्षा या नौकरी के लिए परेशानी होती है। दरअसल, यूजीसी ने पहले से डिग्रियों का प्रारूप और शब्दावली तय कर रखी है, लेकिन हाल ही में सामने आए मामलों के अनुसार कुछ शिक्षा संस्थानों ने इसके आगे जाकर विद्यार्थियों को डिग्रियां जारी कीं, जिसके बाद कई मामले न्यायालय तक पहुंचे। इसके बाद अब यूजीसी ने फिर एक बार राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय समेत देशभर के शिक्षा संस्थानों को सचेत किया है।
शब्दावली में बदलाव
उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2016 में प्रदेश में नया विश्वविद्यालय अधिनियम लागू होने के बाद संकाय रचना में भी बदलाव हुए हैं। विश्वविद्यालय में 9 संकाय की जगह 4 संकाय ही रह गए। इसके कारण कई पाठ्यक्रमों के संकाय भी बदले। इसके अलावा समय-समय पर पाठ्यक्रम और उनकी रचना में होने वाले बदलाव के कारण विवि की डिग्रियों की शब्दावली में भी बदलाव हुए हैं। डिग्रियों में नाम की गलती का एक बड़ा मामला विश्वविद्यालय में पहले भी सामने आ चुका है। वर्ष 2014 के बाद की कुछ बैचेस में विवि ने गलती से मास कम्युनिकेशन के विद्यार्थियों को मास्टर ऑफ मास कम्युनिकेशन नाम से डिग्रियां जारी कर दी थीं, जबकि इस पाठ्यक्रम का नाम वर्ष 2009 में ही बदल कर एमए इन मास कम्युनिकेशन कर दिया गया था।
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में प्रशासनिक लापरवाही का असर सीधे विद्यार्थियों पर पड़ रहा है। लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें कुलगुरु के आदेश का पालन होता नजर नहीं आता। हाल ही में विद्यार्थी गौरव राशि के वितरण में इसका उदाहरण दिखा है। यूनिवर्सिटी द्वारा 4 अक्टूबर 2019 को सम्मानित किए गए 150 विद्यार्थियों को अब तक पुरस्कार राशि प्रदान नहीं की गई है, जबकि कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे काफी पहले विद्यार्थियों को रकम देने की घोषणा कर चुके हैं।
दरअसल, विविध प्रतियोगिताओं में राज्य, विभागीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों का हर साल सत्कार किया जाता है। राष्ट्रीय स्पर्धा जीतने वाले पहले, दूसरे और तीसरे विद्यार्थी को क्रमश: 10 हजार, 7 हजार और 5 हजार रुपए दिए जाते हैं। इसी तरह अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा मंे प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले विद्यार्थियों को यूनिवर्सिटी की ओर से 25 हजार, 15 हजार और 10 हजार पुरस्कार राशि दी जाती है।
समारोह में पकड़ाए थे खाली लिफाफे
उल्लेखनीय है कि, विश्वविद्यालय ने बीती 4 अक्टूबर को गुरुनानक भवन में भव्य कार्यक्रम आयोजित कर सांस्कृतिक और क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विवि का नाम रोशन करने वाले 150 विद्यार्थियों का सम्मान किया था, लेकिन उन्हें खाली लिफाफे दिए गए थे। उस समय विद्यार्थियों को बताया गया था कि, पुरस्कार राशि सीधे उनके बैंक अकाउंट में डिपॉजिट की जाएगी। सत्कार के तीन माह बाद भी रकम नहीं मिलने के बाद विद्यार्थियों ने इस पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद कुलगुरु ने विद्यार्थियों को तुरंत राशि देने के आदेश दिए थे, लेकिन इस पर अब तक अमल नहीं हो सका है।
Created On :   29 Jan 2020 7:51 AM GMT