फर्जी आधार कार्ड बना कर मृत लोगों की जमीन बेचने वाला गिरोह गिरफ्तार

Gang arrested selling land of dead people by making fake aadhar card
फर्जी आधार कार्ड बना कर मृत लोगों की जमीन बेचने वाला गिरोह गिरफ्तार
फर्जी आधार कार्ड बना कर मृत लोगों की जमीन बेचने वाला गिरोह गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फर्जी आधार और पैनकार्ड बनाकर मृत और घर से बाहर रहने वाले लोगों के नाम पर दर्ज जमीनों की अवैध बिक्री करने वाले एक गिरोह का रायगढ पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जबकि पांच अब भी फरार हैं। गिरफ्तार आरोपियों में आधारकार्ड बनाने का जिम्मा संभालने वाली निजी कंपनी के कर्मचारी भी शामिल हैं।

पुलिस ने बताया कि गिरोह ने साल 2010 में मर चुके सुशील भरतू की शेडसई इलाके में स्थित जमीन और दिल्ली में रहने वाले ओमप्रकाश वशिष्ठ की जमीन आरोपियों ने बेंच दी थी। भरतू के परिजनों और वशिष्ठ को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने मामले की शिकायत रोहा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई। छानबीन में जुटी पुलिस ने पाया कि आरोपियों ने ई-महाकेंद्र के कर्मचारियों से मिलीभगत कर फर्जी आधारकार्ड तैयार किए फिर उसके सहारे दूसरे कागजात तैयार कर जमीन बेंच दी। मामले में मुख्य आरोपियों घनश्याम उपाध्याय और संदीप लोंगले समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है साथ ही साढ़े 10 लाख रुपए नकद भी आरोपियों से बरामद किए गए हैं।

कैसे करते थे ठगी

पुलिस के मुताबिक आरोपी उन जमीनों के बारे में जानकारी इकठ्ठा करते थे जिनके मालिक या तो मर गए हैं या कहीं दूर रहते हैं। इन जमीनों का 7/12 हासिल कर आरोपी सारी जानकारी निकाल लेते थे। इसके बाद उस नाम से एक शख्स का फर्जी पहचान पत्र बनाया जाता था। इसके लिए आधार अपडेट के लिए मिली सुविधाओं का दुरुपयोग किया जाता था। दरअसल लोगों की सहूलियत के लिए वेबसाइट के जरिए आधार से जुड़ी जानकारियां जैसे नाम, पता आदि बदलने की सुविधा दी जाती है। इसी का फायदा उठाकर आरोपी पहले फर्जी पहचान वाले शख्स के असली आधार में फेरबदल करते थे। लेकिन आधार में बायोमेट्रिक जानकारियां भी दर्ज होतीं हैं और एक शख्स के दूसरी बार आधार बनाने पर पहचान हो सकती है। इसीलिए आरोपी महा-ई सेवा केंद्र के कर्मचारियों को घूस देकर फर्जी आधार कार्ड तैयार कर लेते थे। इसके बाद आधार कार्ड के सहारे फर्जी पैनकार्ड बनाया जाता था और जमीन बेंच दी जाती थी। जमीन बिक्री के बाद मिले चेक भुनाने के लिए आरोपियों ने भरतू के नाम से यूनाइटेड बैंक ऑफ वर्सोवा की मुंबई शाखा और वशिष्ठ के नाम आईडीबीआई बैंक की डोंबिवली स्थित शाखा में फर्जी अकाउंट भी खोला था और बाद में यह रकम निकाल ली गई।     

 

Created On :   25 July 2019 8:36 PM IST

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