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Mumbai News: डैनेज पैलेट घोटाला - राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी के प्रमुख ने जांच करने से किया इंकार

- सरकार जल्द दूसरे अधिकारी की करेगी नियुक्ति
- राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी के प्रमुख ने जांच करने से किया इंकार
Mumbai News सोमदत्त शर्मा। महाराष्ट्र में सरकारी अनाज के गोदामों में डैनेज पैलेट की आपूर्ति में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए गठित कमेटी के मामले में नया मोड़ आ गया है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा नियुक्त किए गए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के राशनिंग कंट्रोलर एवं संचालक सुधाकर तेलंग ने इस मामले की जांच करने से इंकार कर दिया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की सचिव जयश्री भोज ने कहा कि तेलंग ने निजी कारणों से इस मामले की जांच करने से मना किया है। भोज ने कहा कि विभाग अब इस मामले की जांच के लिए दूसरे अधिकारी की नियुक्ति जल्द करेगा।
जांच से इंकार, बैठक बुलाने की तैयारी
उपमुख्यमंत्री एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री अजित पवार डैनेज पैलेट घोटाले की जांच के लिए बैठक बुलाने ही वाले थे तभी अचानक तीन दिन पहले इस घोटाले की जांच के लिए गठित की गई कमेटी के प्रमुख राशनिंग कंट्रोलर एवं संचालक सुधाकर तेलंग ने जांच करने से मना कर दिया। तेलंग द्वारा जांच से इंकार करने की वजह अभी सामने नहीं आई है। अजित जल्द ही इस मामले की बैठक बुलाने वाले थे जिसमें शिंदे गुट के विधायक और शिकायतकर्ता कृपाल तुमाने और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना पटोले को भी शामिल होना था। अब नए जांच अधिकारी की नियुक्ति के बाद ही अजित पवार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की जाएगी। नाना पटोले ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जांच में जानबूझकर देरी की जा रही है। पटोले ने कहा उन्होंने अजित पवार से इस मामले में मिलने का समय मांगा है।
क्या है मामला?
21 जून 2024 को राज्य सरकार ने गोंदिया की एक फर्म श्री बालाजी एंड कंपनी जनरल मटेरियल सप्लायर को राज्यभर के अनाज के सरकारी गोदामों में डैनेज पैलेट लगाने का ठेका दिया था। ठेके के मिलने के कुछ दिन बाद ही तत्कालीन सांसद कृपाल तुमाने ने तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस ठेके में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। तुमाने ने इस संबंध में 13 अगस्त 2024 को एक शिकायती पत्र दिया था, जिसमें शिंदे ने इस ठेके की जांच कर उचित कार्रवाई का आदेश तत्कालीन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल को दिया था। लेकिन भुजबल ने इस मामले में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जांच का कोई आदेश नहीं दिया। इस दौरान अधिकारियों ने नियमों और शर्तों को नजरअंदाज करते हुए कंपनी को बिल (31 करोड़ 50 लाख) से 5 करोड़ अधिक की राशि का भुगतान भी कर दिया। तुमाने और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना पटोले ने इस मामले को विधानमंडल के बजट सत्र में भी सदन में उठाया था, जिस पर अजित पवार ने कहा था कि इस मामले में कंपनी और अधिकारियों की मिलीभगत दिखाई पड़ती है और सभी पर कार्रवाई होगी।
Created On :   10 April 2025 9:05 PM IST