नागपुर शहर में हिन्दी सीख रहे विदेशी युवा ,हर साल हिन्दी सीखने आते हैं बच्चे

Foreign youth learning hindi in nagpur city, children come to learn hindi every year
नागपुर शहर में हिन्दी सीख रहे विदेशी युवा ,हर साल हिन्दी सीखने आते हैं बच्चे
नागपुर शहर में हिन्दी सीख रहे विदेशी युवा ,हर साल हिन्दी सीखने आते हैं बच्चे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूरब से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण, आप देश के किसी भी कोने में चले जाइए, दो अलग-अलग भाषा के लोग जब एक-दूसरे से बात करेंगे, तो केवल हिंदी में ही। महाराष्ट्र का उदाहरण ले सकते हैं, जब यहां कोई गुजराती भाषी व्यक्ति किसी मराठी भाषी व्यक्ति से मिलता है, तो दोनों हिंदी में बातचीत करते हैं। आज के समय में  इंग्लिश का बोलबाला है, लेकिन हमारे शहर में कुछ ऐसे विदेशी बच्चे हैं, जो न केवल हिंदी लिखना और पढ़ना सीख रहे हैं, बल्कि वे हिंदी सीखकर अपने देश में हिंदी बोलना सिखा रहे हैं। शहर में रोटरी की ओर से आयोजित यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत प्रतिवर्ष विदेश से बच्चे आते हैं, जो शहर में आकर न केवल अपना एकेडमिक सेशन पूरा करते हैं, बल्कि शहर में होने वाले उत्सवों और फैमिली फंक्शन में भी भाग लेते हैं। इन बच्चों के लिए हिंदी की क्लास होती है, जिसमें वे हिंदी सीखते हैं। इनकी क्लास मॉडर्न स्कूल में शाम 4 से 5 बजे तक होती है। यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में इस वर्ष 17 बच्चे महाराष्ट्र के अलग-अलग राज्यों में रह रहे हैं, जिनमें 7 स्टूडेन्ट्स नागपुर में हैं। विदेशी स्टूडेन्ट्स को हिंदी सिखाने वाली शिक्षिका स्नेहल पांडे ने बताया कि, स्टूडेन्ट हिंदी सीखने में रुचि लेते हैं। सबसे पहले तो उन्हें अभिवादन के लिए नमस्ते करना सिखाया जाता है। इसके बाद उनकी पढ़ाई की शुरुआत हिंदी वर्णमाला से होती है। जिस तरह इनका एकेडमिक सेशन 10 महीने का होता है, उसी तरह हिंदी क्लास भी 10 महीने की होती है।

पहले बेसिक नॉलेज दिया जाता 
हर वर्ष विदेश से कुछ बच्चे शहर में आते हैं, यहां इन्हें हिंदी बोलना भी सिखाया जाता है। ये अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं कि, हिंदी में बात करें। क्लास में भी ये सभी एक-दूसरे से हिंदी में बात करते हैं। 10 महीने की क्लास में ये हिंदी बोलना और समझना सीख जाते हैं। इनकी शुरुआत हिंदी वर्णमाला क,ख,ग,घ से की जाती है। हिंदी विषय पढ़ने में इनकी विशेष रुचि होती है। सबसे पहले क्लास में आकर एक-दूसरे को नमस्ते कहकर अभिवादन करते हैं। मॉडर्न हाईस्कूल में मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को क्लासेस शाम 4 से 5 बजे तक होती है। 

अमेरिका में भी हिंदी का बोलबाला
पिछले वर्ष अमेरिका की जेन नामक लड़की यहां आई थी। जेन ने न केवल हिंदी बोलना-लिखना और पढ़ना सीखा, बल्कि योग सीखकर अब वह कॉलेज में योग सिखाने के साथ ही हिंदी बोलना भी सिखा रही है। विदेशी बच्चे हिंदी भाषा सीखने में रुचि रख रहे हैं। साथ ही मैसेज भी हिंदी में टाइप करते हैं। हिंदी का बोलबाला न केवल हिन्दुस्तान तक सीमित है, बल्कि विदेश में भी हिंदी भाषा के चर्चे हैं। साथ ही विदेशी नागरिक भी हिंदी की तरफ ध्यान दे रहे हैं। 

जब काॅन्फ्रेेंस में गाया हिंदी गीत
यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के अंतर्गत एकेडेमिक सेशन के साथ मनोरंजक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उसमें विदेशी बच्चे कई तरह की परफॉर्मेंस देते हैं। पिछले वर्ष आयोजित काॅन्फ्रेंस में विदेशी बच्चे ने किशोर कुमार का गीत गाया, तो पूरा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था। वो गाना आज भी सभी को याद है। इस तरह विदेशी बच्चे के मुंह से हिंदी गाना सुनकर सभी को आर्श्चय हुआ, लेकिन सभी ने उसकी पीठ थपथपाई। 

Created On :   14 Sept 2019 5:06 PM IST

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