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राज्य सरकार के परमिशन के बावजूद अधर में पदभर्ती, 92 पद पड़े हैं रिक्त
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डिजिटल डेस्क,नागपुर। राज्य सरकार ने हाल ही में जीआर जारी करके राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय समेत प्रदेश भर के गैर-कृषि विश्वविद्यालयों और तीन अभिमत विश्वविद्यालयों में 80 प्रतिशत प्राध्यापक पद भरने की अनुमति दी है। इसमें मुख्य रूप से सहयक प्राध्यापकों के पद शामिल हैं। इस अनुमति के बाद नागपुर विश्वविद्यालय में कुल 92 पद भरे जाने हैं, लेकिन सरकार का यह निर्णय महज चुनावी लॉलीपॉप साबित हो रहा है।पिछले काफी समय से रिक्त पदों के कारण इन रिक्त पदों के चलते शिक्षा पर भी असर हो रहा है ।
रोस्टर ही तैयार नहीं
नागपुर विश्वविद्यालय में अब तक पदभर्ती की कोई कवायद शुरू नहीं हुई है। उलट विश्वविद्यालय प्रशासन मराठा एसईबीसी आरक्षण से जुड़े राज्य सरकार के एक जीआर का इंतजार कर रहा है। सरकार द्वारा दिए गए 16 प्रतिशत आरक्षण को बॉम्बे हाईकोर्ट ने घटा कर 12 प्रतिशत कर दिया। सरकार को जीआर जारी करके इसे अमल में लाना था, लेकिन अब तक सरकार का जीआर न आने से नागपुर विश्वविद्यालय ने रोस्टर तैयार नहीं किया है। आरक्षण का जीआर आने के बाद विवि में रोस्टर तय होगा। संबंधित विभाग से इसकी मंजूरी लेने के बाद रोस्टर को राज्य सरकार को भेजकर मंजूर कराया जाएगा। इस सबको करीब 3 माह का वक्त लगेगा। राज्य में जल्द ही आचार संहिता लागू होनी है। आचार संहिता में एक बार फिर पदभर्ती रुकने का अंदेशा है।
टलने के आसार
बता दें कि राज्य के विविध विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों के कुल 2534 पद मंजूर हैं, जिसमें से 1166 पद रिक्त हैं। इनमें से कुल 659 पदों पर मंजूरी की मान्यता प्रदान की गई है। नागपुर विश्वविद्यालय के अलावा अमरावती विश्वविद्यालय में 13, गोंडवाना विश्वविद्यालय में 11 और कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक में 12 प्राध्यापकों की पदभर्ती को सरकार ने मान्य किया है। लेकिन अब तक प्रक्रिया शुरू न होने के कारण व अाचार संहिता के कारण फिर पदभर्ती टलने के आसार हैं।
Created On :   22 Aug 2019 1:08 PM IST