डेढ़ दशक बाद जेल की सलाखों से बाहर आया डकैत ददुआ का राइट हैंड राधे

डिजिटल डेस्क सतना। तीन दशक तक तराई में आतंक का पर्याय रहे डकैत शिवकुमार उर्फ ददुआ का राइट हैंड राधे उर्फ सूबेदार सिंह डेढ़ दशक बाद जेल की सलाखों से बाहर आ गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सोमवार शाम को लगभग 7 बजे उसे चित्रकूट के रगौली में संचालित जिला जेल से रिहा किया गया, जहां उसके बेटे और कर्वी ब्लाक के शीतलपुर तरौंहा से प्रधान अरिमर्दन सिंह समेत बड़ी संख्या में परिजन और रिश्तेदार लेने आए थे। वर्ष 2007 की 22 जुलाई को मानिकपुर थाना क्षेत्र के झलमल जंगल में एसटीएफ के हाथों गिरोह के सरगना ददुआ के मारे जाने के कुछ महीनों बाद ही वर्ष 2008 में डकैत राधे को सतना पुलिस ने मझगवां और सभापुर के बार्डर पर स्थित चकरा नाले से गिरफ्तार कर लिया था। तब उसके साथ डकैत भोंडा उर्फ गोटर, रोहिणी उर्फ तहसीलदार और राजू कोल समेत 3 अन्य डकैत भी पकड़े गए थे। कुछ सालों तक सेंट्रल जेल में कैद रहने के बाद राधे और उसके साथियों को जिला जेल बांदा शिफ्ट कर दिया गया।
2016 में सुनाई गई थी फांसी की सजा-
बांदा जेल में बंद रहने के दौरान ही डकैतों को 12 अगस्त 2006 को मऊ के गुरदरी जंगल में पिता-पुत्र को गोली मारकर जिंदा जला देने के अपराध पर मई 2016 में चित्रकूट न्यायालय से मौत की सजा सुनाई गई थी, मगर बाद में सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया। डकैत राधे और उसके साथियों को वर्ष 2018 में कर्वी के रगौली में बनाई गई जिला जेल में शिफ्ट किया गया, तब से वह यहीं पर सजा काट रहा था।
सतना में थे 3 अपराध-
ददुआ के विश्वस्त साथी रहे राधे पर एक सैकड़ा से ज्यादा अपराध दर्ज थे, मगर अधिकांश में गवाहों के पलट जाने से बरी कर दिया गया। सतना जिले में राधे पर 3 अपराध दर्ज थे, जिनमें से मझगवां थाने में डकैती की तैयारी और सभापुर में बैंक मैनेजर के अपहरण व डकैती की तैयारी के मामले शामिल थे, लेकिन तीनों में ही वह बरी हो गया था।
अब भी कायम है हनक -
वर्ष 2012 में जेल से ही विधानसभा चुनाव लडऩे का ऐलान कर चुके सूबेदार सिंह उर्फ राधे की हनक अपने इलाके में अब भी कायम है। पिछले 3 पंचवर्षीय से सपहा में उसके परिवार का ही राज चलता है। दो बार डकैत की पत्नी सत्यवती प्रधान रही, तो अबकि उसका बेटा अरिमर्दन सिंह प्रधानी चला रहा है।
Created On :   9 Jan 2023 10:52 PM IST