बांसुरी और ढपली की थाप पर होती है गायों की स्पर्धा, जीतने वाले को मिलता है इनाम

Competition of cows on the beat of flute and dappli, the winner gets the reward
बांसुरी और ढपली की थाप पर होती है गायों की स्पर्धा, जीतने वाले को मिलता है इनाम
175 वर्ष से चली आ रही परंपरा बांसुरी और ढपली की थाप पर होती है गायों की स्पर्धा, जीतने वाले को मिलता है इनाम

डिजिटल डेस्क, आर्णी, राजेश माहेश्वरी। तरोडा गांव में पिछले 175 वर्षों से अनूठी परंपरा को कायम रखा गया है। यहां हनुमान मंदिर संस्थान की ओर से गायों को लेकर एक खास तरह की प्रतियोगिता रखी जाती है। इस दौरान जमीन पर बिछौना बिछाया जाता है, साथ ही बांसुरी और ढपली बजा गाय को बिछौने पर बिठाने की कोशिश की जाती है, जो गाय बिछौने पर कम समय में बैठ जाती है, वो जीत जाती है। 

इसे गायगोधन कहा जाता है, इस परंपता को बढ़ावा देने के लिए हर साल प्रतियोगिता का आयोजित होता है। यह स्पर्धा दो दिनों तक चलती है, जिसमें जीतने वालों को हजारों रुपए का इनाम दिया जाता है।

पिछले दो वर्ष से कोरोना के चलते यह स्पर्धा नहीं हो सकी थी, लेकिन इस साल मारोती मंदिर संस्थान ने इसका आयोजन किया। जिसमें जिले और आसपास के इलाकों से गोपालक शामिल हुए। 

जिले के चरवाहे और मराठवाड़ा के गोपालक अपनी गायों के साथ यहां आते हैं। इस वर्ष बड़ी संख्या में ग्वालों ने प्रतियोगिता में भाग लिया।

स्पर्धा में प्रथम 7 हजार का इनाम शंकर गजभार साकूर ने जीता, तो दूसरे स्थान पर मंगेश ठाकरे बोरी सिंह ने बाजी मारी। इसी तरह तीसरे स्थान पर शिवा कांबले और चौथे पर ईश्वर चव्हाण भांब और पांचवे स्थान पर राहुल रोकडे ने बाजी मारी। 

स्पर्धा के दौरान किसानों में जमकर उत्साह देखा गया। कोरोना संकट से उबरने के बाद इलाके के लोगों में भरपूर जोश नजर आया।

 

Created On :   26 Oct 2022 8:30 PM IST

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