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अमरावती : आस्था और विश्वास का केंद्र है सालबर्डी का महादेव मंदिर
डिजिटल डेस्क,अमरावती। जिले का सालबर्डी स्थित महादेव मंदिर ने केवल आस्था का केंद्र है बल्कि अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है। अमरावती के अलावा विदर्भ के लोगों के लिए भी पहाड़ियों पर बसा ये मंदिर काफी महत्व रखता है। पहाड़ी पर होने के कारण लोग यहां भगवान के दर्शन के साथ ही सुकून के पल बिताने के लिए आते हैं।
गौरतलब है कि अमरावती जिले की मोर्शी तहसील में स्थित सालबर्डी में वादियों के बीच गुफा के अंदर विराजमान भोले शंकर के दर्शन के साथ-साथ आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाने दूरदराज से लोग यहां पहुंचते हैं।मोर्शी तहसील अंतर्गत ग्राम सालबर्डी मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर बसा हुआ है। यहां पर महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश से हजारों श्रध्दालु छोटे महादेव के दर्शन के लिए आते हैं। सतपुड़ा पर्वत की गोद में बसे तीर्थ क्षेत्र सालबर्डी में भक्तों का तांता लगा रहता है। सालबर्डी की ऊंची-ऊंची पहाड़ियों के ऊपर स्थित शिव मंदिर में भक्त छोटे महादेव के दर्शन करने के लिए आते हैं।
श्री क्षेत्र सालबर्डी में गुफा के भीतर ऐतिहासिक शिवालय है। पहली सीढ़ी से गुफा की दिशा में जाने के लिए श्रध्दालुओं को पहाड़ी मार्ग को पार करना पड़ता है। करीब 100 फीट तक अंदर जाने के बाद गुफा में एक शिवलिंग के दर्शन होते हैं। इस शिवलिंग के पास लगातार दीपक जलता रहता है। शिवलिंग के ऊपरी हिस्से पर विशाल पत्थर है। इन पत्थरों से हर मौसम में शिवलिंग पर पानी की बूंदें शिवलिंग पर टपकती रहती हैं। इसे दैवीय चमत्कार कहा जाता है। पौराणिक कथाओं में इस स्थान का जिक्र है और यहां से पांडव गुजरे थे। पांडवों के गुजरने की ऐतिहासिक निशानियां भी यहां पर मौजूद है।
हेमाड़पंथी प्राचीन मंदिर
यहां पर कचहरी के पीछे 7 फनों वाले नाग की मूर्ति स्थापित है। पंचवटी से गुफा मार्ग तक एक नदी बहती है। इस नदी के तट पर सीता का स्नानगृह बना हुआ है और यहीं पर हेमांड़पंथी प्राचीन मंदिर है जिसे आज मुक्ताबाई मंदिर के नाम से पहचाना जाता है। एक ऊंचे शिखर पर मौन्यदेव मंदिर स्थापित है। यह मंदिर महानुभावपंथियों के तीर्थक्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है।
Created On :   23 Aug 2017 12:39 PM IST