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अभियान की 90 फीसदी राशि तक नहीं हो सकी खर्च
डिजिटल डेस्क, मुंबई। स्वच्छ भारत अभियान के तहत राज्य को 52 करोड़ 16 लाख रुपए की निधी मिली है जिसे 23 जिलों को वितरित कर दिया गया है लेकिन इसमें से अभी तक 47 करोड़ 47 लाख रुपए की निधी खर्च नहीं की जा सकी है। कई इलाकों में लोगों ने अपने पैसे खर्च कर शौचालयों की मरम्मत करा ली है इसीलिए इतनी कम निधी खर्च हो पाई। विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में जलापूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री बबनराव लोणीकर ने यह जानकारी दी। कांग्रेस की यशोमति ठाकुर के सवाल के जवाब में मंत्री लोणीकर ने बताया कि यवतमाल जिले को 202.67 लाख रुपए की निधी आवंटित की गई थी लेकिन इसमें से 93.01 लाख खर्च हुए जबकि 109.66 लाख बाकी है। जिले में 6649 खराब शौचालयों में से 2274 की मरम्मत करा ली गई है। अमरावती को मिली 240.95 लाख की निधी अभी तक खर्च नहीं की जा सकी है।
परभणी के गोदाम में कम मिला 5 करोड़ का अनाज
परभणी स्थित सरकारी अनाज गोदाम में अगस्त 2016 में हुई जांच रिपोर्ट के मुताबिक 3 करोड़ 24 लाख 55 हजार 831 रुपए का गेंहू और 1 करोड़ 73 लाख 14 हजार 98 रुपए का चावल कम मिलें हैं मामले में 20 अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं। उनके खिलाफ जांच जारी है। विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में अन्न, नागरिक आपूर्ति व ग्राहक संरक्षण मंत्री गिरीश बापट ने यह जानकारी दी। कांग्रेस के असलम शेख, राधाकृष्ण विखेपाटील, विजय वडेट्टीवार आदि सदस्यों के सवाल के जवाब में मंत्री बापट ने बताया कि 12 लाख 20 हजार रुपए गोदामपाल ने सरकारी खजाने में जमा करा दिए हैं। बाकी रकम दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों से वसूल की जाएगी।
शालेय पोषाहार योजना में भ्रष्टाचार
शालेय पोषाहार योजना के लिए अनाज खरीदारी में भ्रष्टाचार के आरोपों की जानकारी मुख्यमंत्री को दे दी गई है। शिवसेना के किशोर पाटील द्वारा विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने कहा कि विशेष जांच दल के जरिए जांच की मांग पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है।
Created On :   28 March 2018 12:54 PM GMT