विकास: पेंच व्याघ्र प्रकल्प में 10 नए उपक्रमों का उदघाटन, मुनगंटीवार ने कहा- नहीं हो सकता वनराई की सेवा का मूल्यांकन

पेंच व्याघ्र प्रकल्प में 10 नए उपक्रमों का उदघाटन, मुनगंटीवार ने कहा- नहीं हो सकता वनराई की सेवा का मूल्यांकन
  • पेंच व्याघ्र प्रकल्प में विभिन्न उपक्रमों के उद्घाटन अवसर पर बोले
  • वन्य प्राणियों का आवास बढ़ाने पर जताई खुशी
  • जंगली जानवरों के हमले में मारे गए नागरिकों के परिवारों को 25 लाख रुपये का मुआवजा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जीवन का सबसे बड़ा सिंहासन एक इंसान के लिए उसकी माता की गोद होती है। क्योकि मां के प्यार का कोई मूल्यांकन नहीं हो सकता है। ठीक इसी तरह वनराई की सेवा का मूल्यांकन कभी हो नहीं सकता है। यह विचार वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने व्यक्त किये। पेंच व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत 10 नए उपक्रमों के उद्घाटन अवसर पर वह सिल्लारी में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। मुनगंटीवार ने पेंच टाइगर रिजर्व में खुर्सापार नई सफारी गेट, कोलीटमारा में पैरामोटरिंग और हॉट एयर बैलून एडवेंचर स्पोर्ट्स, वाघोली झील में डार्क स्काई प्रोजेक्ट और एलिफेंट कैंप, सिलारी में पर्यावरण अनुकूल पेयजल परियोजना आदि सहित विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन इस अवसर पर किया।

ऑक्सीजन से लेता है पहली सांस : उन्होंने कहा कि, कोई भी पैदा होने पर पहली सांस वन के माध्यम से आनेवाली ऑक्सीजन से लेता है। वही अंतिम सांस लेने पर जंगल से आनेवाली लकड़ियों पर ही इस दुनिया से मिट जाता है। यह उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि, जीवन की पहली सांस से अंतिम सांस तक लकड़ी साथ रहती है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति इस दुनिया से जाने के बाद उसके साथ कोई रिश्तेदार या दोस्त नहीं जलता है, जलती है तो केवल लकड़ियां यह जंगल का महत्व है।

तेंदूपत्ता श्रमिकों को बोनस : पेंच टाइगर रिजर्व ने वन्य प्राणियों का आवास बढ़ाने में बहुत अच्छा काम किया है. इस टाइगर रिजर्व के साथ-साथ प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व एवं वन विभाग में भी सभी महत्वपूर्ण संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। राज्य सरकार ने वन क्षेत्र के लोगों के हित में निर्णय लिए हैं। तेंदूपत्ता श्रमिकों को स्थापना व्यय काटकर 72 करोड़ रूपये का बोनस दिया गया है। जंगली जानवरों के हमले में मारे गए नागरिकों के परिवारों को 25 लाख रुपये का मुआवजा। उन्होंने कहा कि देश में केवल महाराष्ट्र ने ही ये दोनों प्रावधान किए हैं।

इस अवसर पर विधायक एडवोकेट आशीष जायसवाल, जिला परिषद सदस्य शांता कुमरे, पिपरिया गांव के सरपंच प्रवीण उइके, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) महीप गुप्ता, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक शोमिता विश्वास, नागपुर वन विभाग की वन संरक्षक श्री लक्ष्मी, पेंच के क्षेत्र निदेशक टाइगर रिजर्व डॉ. इस मौके पर प्रभुनाथ शुक्ल आदि मौजूद रहे।

प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया गया : इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले पेंच टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों एवं स्थानीय नागरिकों को सम्मानित किया गया। तीन वन रक्षकों को 'स्टार ऑफ द मंथ' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर रैपिड रेस्क्यू फोर्स में उत्कृष्ट कार्य करने वाले दो कार्मिकों को सम्मानित किया गया। प्रारंभिक प्रतिक्रिया टीम के दो कर्मियों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अंगार मुक्त पेंच प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया गया।

Created On :   17 Feb 2024 5:41 PM IST

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