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राजनीति: लोकसभा चुनाव के बाद की रणनीति, प्रचार में आगे रहकर कर ली विधानसभा चुनाव की टेस्टिंग
- विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक विशेष रूप से सक्रिय रहे
- खट्टे-मीठे अनुभवों से भी गुजरना पड़ा
- किसी को गठबंधन की राजनीति से नई उम्मीद जगी तो किसी को अड़चन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। Those interested in contesting assembly elections were particularly active in various fields in the campaign for the Lok Sabha elections.। इनमें मनपा चुनाव की तैयारी कर रहे जनप्रतिनिधियों की भी कमी नहीं रही। प्रचार में आगे रहकर इन जनप्रतिनिधियों ने अपनी उम्मीदों की राजनीतिक जमीन की टेस्टिंविधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक विशेष रूप से सक्रिय रहे तो कर ली लेकिन उन्हें कई मायनों में खट्टे-मीठे अनुभवों से भी गुजरना पड़ा। किसी को गठबंधन की राजनीति से नई उम्मीद जगी तो किसी को अड़चन बढ़ने का आभास हुआ।
बूथ प्रबंधन नई प्रेरणा दे गया : महायुति के नए साथी दलों के नेताओं के लिए यह चुनाव एकदम नए अनुभव भरा रहा। विशेषकर भाजपा का संगठन कार्य व बूथ प्रबंधन सभी को नई प्रेरणा दे गया। महायुति उम्मीदवार नितीन गडकरी के प्रचार के लिए राकांपा अजित गुट व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व की शिवसेना के पदाधिकारियों ने कार्य किया। पीरिपा के कार्याध्यक्ष जयदीप कवाडे, आरपीआई आठवले के भूपेश थूलकर भी सक्रिय रहे।
काशीकर भी सक्रिय रहे : राकांपा अजित गुट के शहर अध्यक्ष प्रशांत पवार व शिवसेना शिंदे गुट के सूरज गोजे महायुति उम्मीदवार के साथ प्रचार यात्रा में शामिल रहे। इनके अलावा राकांपा अजित गुट से अनिल अहिरकर, आभा पांडे व शिवसेना शिंदे गुट से किरण पांडव, मंगेश काशीकर भी सक्रिय रहे। प्रशांत पवार भाजपा के विरोध में विधानसभा चुनाव लड़ते रहे हैं। पहले पश्चिम नागपुर से उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा। 2019 में दक्षिण पश्चिम नागपुर से उम्मीदवार थे।
कांग्रेस उम्मीदवार थे कवाडे : स्थानीय स्तर पर भाजपा विरोधियों में प्रमुखता से शामिल रहे प्रशांत पवार अब भाजपा के ही सहयोग से विधानसभा चुनाव की दावेदारी करेंगे। पीरिपा के जयदीप कवाडे 2019 में भंडारा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार थे। पराजित होकर तीसरे स्थान पर थे। अब वे उत्तर नागपुर व उमरेड विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से उम्मीद लगाए हुए हैं। मध्य व पूर्व नागपुर में प्रमुखता से से महायुति का प्रचार करती रही राकांपा अजित गुट की पदाधिकारी आभा पांडे विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत भाजपा के विरोध में कार्य करती रही हैं। पूर्व नागपुर से भाजपा विधायक कृष्णा खोपड़े की राजनीतिक प्रतिद्वंदी के तौर पर उनका नाम गिनाया जाता है। इस चुनाव में भाजपा पदाधिकारियों के साथ मिलकर ही पांडे ने प्रचार किया है।
आघाड़ी के प्रचार पर अधिक जोर दिया : पूर्व नागपुर में ही कांग्रेस के उमाकांत अग्निहोत्री व अभिजीत वंजारी ने जमकर प्रचार कार्य किया। दोनों का नाम इस क्षेत्र से विधानसभा चुनाव के लिए महाविकास आघाड़ी के इच्छुक उम्मीदवारों में गिनाया जाता रहा है। दोनों की दावेदारी कांग्रेस से ही रहेगी। अग्निहोत्री के कांग्रेस में राजनीतिक संरक्षक रहे संजय निरुपम ने कांग्रेस छोड़ दी है। वंजारी ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले व शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे के करीबी सहयोगी की पहचान बनाई है। इसी क्षेत्र में कांग्रेस के पूर्व मंत्री सतीश चतुर्वेदी ने आघाड़ी के प्रचार पर अधिक जोर दिया है।
भगवा धारण कर किया मतदान का आह्वान : सतीश चतुर्वेदी के पुत्र व पूर्व विधानपरिषद सदस्य दुष्यंत चतुर्वेदी भी शिवसेना उद्धव गुट से आघाड़ी में शामिल हैं। आघाड़ी उम्मीदवार के तौर पर चतुर्वेदी परिवार से किसी का नाम आगे बढ़ाया जा सकता है। दक्षिण नागपुर में शिवसेना उद्धव गुट के जिला प्रमुख किशोर कुमेरिया ने गले में भगवा धारण कर कांग्रेस के लिए मतदान का आह्वान किया। पैदल यात्रा के माध्यम से उन्होंने 1 लाख के करीब पर्चे बांटे।
कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हंै : दक्षिण नागपुर में गिरीश पांडव कांग्रेस उम्मीदवार रहे हैं। कुमेरिया व पांडव परस्पर विराेध में चुनाव लड़ चुके हैं। ऐसे में आघाडी में दोनों की दावेदारी अड़चन ला सकती है। राकांपा शरद पवार गुट के शहर अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे पूर्व नागपुर में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार प्रचार के दौरान शरद पवार उनके घर पर पहुंचे थे। पेठे भी आघाड़ी से उम्मीदवारी की उम्मीद रखेंगे। दक्षिण पश्चिम नागपुर में प्रफुल गुडधे ने आघाड़ी उम्मीदवार का प्रचार किया। इसी क्षेत्र से वे कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हंै। लेकिन कांग्रेस में उन्हेें विकास ठाकरे का प्रतिद्वंदी माना जाता रहा है।
Created On :   27 April 2024 6:04 PM IST