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राजनीति: विधान परिषद चुनाव के पहले ही कांग्रेस को विदर्भ में 4 मतों का नुकसान
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- 25 जून को चुनाव के लिए जारी होगी अधिसूचना
- विदर्भ से माणिकराव ठाकरे का नाम प्रमुखता से चर्चा में
- मुजफ्फर हुसैन व नसीम खान के लिए मांग रहे सहयोग
रघुनाथसिंह लोधी, नागपुर। विधान परिषद की 11 सीटों के लिए चुनाव को लेकर कांग्रेस में उत्साह है, लेकिन चुनाव के पहले ही उसे 7 मतों का नुकसान हो गया है। उसमें भी 4 मत विदर्भ से हैं, जिनमें 2 मत नागपुर जिले से हैं। पार्टी में उम्मीदवारों को लेकर यूं तो कई दावेदार हैं, लेेकिन विदर्भ से माणिकराव ठाकरे का नाम प्रमुखता से चर्चा में है। इनके अलावा मुजफ्फर हुसैन व नसीम खान के नाम को आगे बढ़ाने के लिए विदर्भ के कांग्रेस नेताओं से सहयाेग मांगा जा रहा है। 25 जून को चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होगी। उसी दिन दिल्ली में कांग्रेस की बैठक होने वाली है। उस बैठक में विधान परिषद चुनाव को लेकर निर्णायक चर्चा की जाएगी। विधानसभा सदस्यों के संख्या बल के आधार पर कांग्रेस के 2 विधान परिषद सदस्य चुने जा सकते हैं, लेकिन विधानसभा सदस्यों की संख्या कम होने से कांग्रेस को विधान परिषद चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
केदार अपात्र, पारवे सदस्य नहीं : वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जिले में कांग्रेस के 4 विधानसभा सदस्य चुने गए थे। 2 शहर के और 2 ग्रामीण के, लेकिन विधान परिषद चुनाव में जिला ग्रामीण से कांग्रेस के पास मतदान के लिए विधानसभा सदस्य नहीं हैं। सावनेर विधानसभा क्षेत्र से सुनील केदार की सदस्यता को अपात्र ठहराया गया है। उमरेड से कांग्रेस विधायक रहे राजू पारवे ने लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के विधानसभा सदस्य बलवंत वानखेडे दर्यापुर, प्रतिभा धानोरकर वरोरा, प्रणिति शिंदे सोलापुर व वर्षा गायकवाड़ मुंबई लोकसभा सदस्य चुने गए हैं। इनमें से धानोरकर व वानखेड़े विदर्भ से हैं। खास बात है कि कांग्रेस में विधान परिषद की उम्मीदवारी के दावेदार माणिकराव ठाकरे विदर्भ के यवतमाल जिले से हैं। मुंबई में कांग्रेस के प्रमुख नेता नसीम खान ने विदर्भ के ही कई पदाधिकारियों के माध्यम से अपनी दावेदारी को आगे बढ़ाया है। अनुसूचित व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि को विधान परिषद में मौका देने की भी मांग की जाती रही है।
23 मतों का कोटा : विधान परिषद की 11 सीटों के लिए विधानसभा के सदस्य मतदान करेंगे। राज्य में 288 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें से 274 क्षेत्रों के सदस्य ही मतदान कर पाएंगे। लिहाजा विधान परिषद सदस्य चुनने के लिए मत का कोटा 23 रहेगा। उल्लेखनीय है कि 7 विधानसभा सदस्य, लोकसभा सदस्य चुने गए हैं। वे विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे या इस्तीफा दे चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पहले ही राज्यसभा सदस्य चुने गए हैं। 4 विधानसभा सदस्यों का निधन हो गया है। मतों के कोटा के लिहाज से देखें, ताे इस चुनाव में महायुति के पास पर्याप्त संख्या बल है। कांग्रेस दो सदस्य चुनवाकर लाने की क्षमता रखती है, लेकिन शिवसेना शिंदे गुट, शिवसेना उद्धव गुट, राकांपा शरद गुट, राकांपा अजित गुट को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
राजनीति कम नहीं : विप चुनाव के नियम व प्रावधान निर्धारित हैं, लेकिन राजनीति के कारण कई बार चुनाव लंबित रह जाता है। राज्य में विधानसभा की 288 व विप की 78 सीटें हैं। विधानसभा सदस्यों की एक तिहाई संख्या के अनुपात में विधान परिषद की सदस्य संख्या 96 हो सकती है। विप के 30 सदस्यों को विधानसभा सदस्य चुनते हैं। मनपा सहित विविध स्थानीय निकाय संस्थाओं के सदस्यों के मतदान से 22 विप सदस्य चुने जाते हैं, लेकिन नागपुर, मुंबई सहित 6 महानगर पालिकाओं के चुनाव ही 2 वर्ष से लंबित हैं। 7 सदस्य स्नातक निर्वाचन व 7 सदस्य शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चुने जाते हैं। 12 सदस्यों का मनोनयन राज्यपाल करते हैं, लेकिन राज्यपाल के पास प्रस्तावित सदस्यों के नामों की सूची दो वर्ष से विचाराधीन है।
Created On :   22 Jun 2024 2:43 PM IST