शिक्षा: विदेशी छात्रवृत्ति परिणामों की घोषणा में देरी, विद्यार्थी उच्च शिक्षा से होंगे वंचित

विदेशी छात्रवृत्ति परिणामों की घोषणा में देरी, विद्यार्थी उच्च शिक्षा से होंगे वंचित
  • छात्रों के भविष्य पर मंडरा रहा है खतरा
  • शैक्षिक कार्यों को रोका नहीं जाना चाहिए
  • हर बार 26 मई तक हो जाती थी घोषणा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रीय विदेश छात्रवृत्ति परिणामों की घोषणा में देरी पर विद्यार्थीयों द्वारा चिंता व्यक्त की जा रही है। यह देरी मौजूदा लोकसभा चुनावों और आचार संहिता के लागू होने का हवाला देते हुए की जा रही है, जो छात्रों के भविष्य पर गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकती है, ऐसा दावा मानव अधिकार संरक्षण मंच ने किया है।

मानव अधिकार संरक्षण मंच के सचिव आशीष फुलझेले ने कहा है कि, पिछले दो वर्षों में, राष्ट्रीय विदेश छात्रवृत्ति परिणामों की घोषणा 26 मई को की गई थी। हालांकि, इस वर्ष, चुनाव आयोग के स्पष्ट निर्देश के बावजूद कि शैक्षिक कार्यों को रोका नहीं जाना चाहिए, राष्ट्रीय विदेश छात्रवृत्ति विभाग ने अभी तक मेरिट सूची की घोषणा नहीं की है। यह देरी विशेष रूप से उन छात्रों के लिए अत्यंत चिंताजनक है, जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों से प्रवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं और जिनका शैक्षणिक सत्र जुलाई में शुरू हो रहा है। इन छात्रों का भविष्य और उनकी मेहनत पर पानी फिरने का खतरा है। यदि राष्ट्रीय विदेश छात्रवृत्ति विभाग जल्द से जल्द परिणाम घोषित नहीं करेगा, तो ऑस्ट्रेलिया जाने वाले छात्रों को अगले साल के लिए अपना प्रवेश स्थगित करना पड़ सकता है।

छात्रों की कॉल उठाई नहीं जाती : मानव अधिकार संरक्षण मंच ने बताया कि, यह अधिक चिंता की बात यह है कि जब छात्र दिए गए नंबर पर कॉल करते हैं, तो अक्सर उनकी कॉल उठाई नहीं जाती या उनका कॉल कनेक्ट नहीं होता। यदि छात्रों को अपने सवालों के जवाब नहीं मिलेंगे, तो वे कैसे आगे बढ़ेंगे? मेरिट लिस्ट लगने के बाद विद्यार्थियो को प्रोविजनल लेटर प्राप्त करने में भी एक सप्ताह का समय लगता है और यह लेटर छात्रों को विश्वविद्यालय में भेजना होता है, जिसके बाद विश्वविद्यालय छात्रवृत्ति पुरस्कार पत्र को सत्यापित करने के बाद "Confirmation of Acceptance for Studies' (CAS) देता है। इस प्रमाणपत्र के मिलने के बाद ही छात्रों को वीजा प्रक्रिया के लिए आवेदन करना पड़ता है। इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम एक महीने का समय लगता है।

आचार संहिता का हवाला देना बंद करें : फुलझेले ने कहा है कि, आचार संहिता का हवाला देकर देरी को उचित ठहराना बंद करें और चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय इस मामले को गंभीरता से ले और परिणामों की घोषणा के लिए तुरंत उचित कदम उठाएं। जिससे विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित न रहें।

Created On :   31 May 2024 4:40 PM IST

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